जयजोहार। जनभासा ले राजभासा बने महतारी भासा छत्तीसगढ़ी से ही छत्तीसगढ़ के सबो महतारीभासा जइसे हलबी, गोंडी, भतरी, कुडुख अउ सरगुजही भासा म पराथमिक सिक्छा सुरु करवाय खातिर शनिवार 7 अप्रैल के राजधानी रायपुर म सत्याग्रह रइली अउ सभा रखे गे हावे।
छत्तीसगढ़ी राजभासा मंच के संयोजक नंदकुशोर शुक्ला अउ छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना के प्रदेशाध्यक्ष लता राठौर ह ऐखर जानकारी देवत कहिन कि भासा संस्कृति के परान वायु हे। कोनो भी भासा वोखर संस्कृति के वाहिका होथे। बइग्यानिक सोध अऊ अनुसंधान दुवारा ए सिद्ध करे जा चुके हे के लइका मन के सिक्छा के माध्यम महतारीभासा ही होना चाही। पराथमिक सिक्छा महतारी भासा म ही दी जाए एही सोंच ल महतपूर्ण मानत हुए असम म दस अलग-अलग महतारीभासा म पराथमिक सिक्छा के बेवस्था करे गे हे। पापुआ न्यू गिनी जइसन द्वीप समूह म 35 लाख के जनसंख्या हे अऊ ऊहा 400 महतारी भासा म पढ़ई-लिखई होवत हे।महतारीभासा के महत्ता दरसावत यूनेस्को के महानिदेशक ह अध्ययन के माध्यम के रूप म इसपस्ट सब्द म रेखांकित करत कहे हे के “अध्ययन आत्मसम्मान और स्वाभिमान का स्तर सुधारने में मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है।” जापान, स्वीडन, चीन अऊ फ्रांस जइसे देस म न केवल इसकूली सिक्छा बलकि उच्च सिक्छा भी महतारीभासा म दिए जाथे। यूनेस्को के एक रिपोट के अनुसार बिस्व के लगभग 250 बोली अऊ भाषा बिलुप्ति के कगार म हे वोमा छत्तीसगढ़ी भासा घलो हवय। छत्तीसगढ़ी म 85 परतीसत छत्तीसगढ़िया मन के महतारीभासा छत्तीसगढ़ी हे। आज के बेरा म छत्तीसगढ़ के छत्तीसगढ़ी महतारभासा ल हिंदी के संग मिलाके पढ़ाए जाथे। पढ़ाई के अइसन बेवस्था कोनों भी अऊ आन राज म नई देखे बर मिलय। एला तुरंत बंद कराना चाही।छत्तीसगढ़ के राजभासा छततीसगढ़ी म न तो सरकारी काम-कारज होवत हे अऊ न पढ़ई-लिखई। एखरे सेथी छत्तीसगढ़वासी मन अपन असमिता, अपन महतारीभासा छत्तीसगढ़ी सहित छत्तीसगढ़ के सबो महतारी भासा हलबी, गोंडी, भतरी, कुडुख अऊ सरगुजही म पराथमिक कक्छा ले सिक्छा सुरु करवाय खातिर राजधानी रायपुर म शनिवार के मंझनिया 12 बजे ले आजाद चौक कुर्मी बोर्डिंग भवन म सकला के रइली निकालही अऊ बूढ़ा तालाब धरना स्थल में सभा होही। छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना अऊ छत्तीसगढ़ी राजभासा मंच के द्वारा एही कार्यक्रम आयोजित हे।
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