पगडंडी के भरोसा लोगन मन पहुंचते गांव म
धमतरी । केंद्र सरकार अउ राज्य सरकार ह विकास के ढिंढोरा पीटत हवय, लेकिन छत्तीसगढ़ म एक ठन गांव अइसे हवय, जिहां जाए बर सड़क नइए। पगडंडी के सहारा लोगन मन गांव पहुंचथे। इहां के लोगन मन बिकास के दौउर म घास-फूस के घर म रहत हवय। अउ त अउ आज तक ले बिजली घलो नइ पहुंच पाइस इहां । ये गांव ह आजादी के 71 साल बाद भी विकास ले कोसों दूर हवय। जिला प्रशासन के कहिना हे कि बरपदर के विकास नइ होय के कारण नक्सलवाद हवय। एती कलेक्टर ह बरपदर म विकास के योजना बनाए के बात कहीस।
धमतरी जिला के आखरी छोर म बसे हे बरपदर । जिहां आज तक ले बिजली नइ पहुंच पाइस हे। अउ न ही स्कूल व सड़क बनीस हे। लोगन मन ल बांध ले पानी लाए बर पड़थे। कोनो बीमार पड़ जाही तव नाव ले अस्पताल ले जाये बर पड़थे। पीडीएस के फायदा दूसर गांव म जाए ले मिलथे। सबले बड़का बात ये हवय कि ये गांव के सुध ले बर आज तक कोनो सांसद-विधायक नइ पहुंचिस हे। कंजा के गांववाले मन ह ए बखत जम्मों चुनाव के बहिष्कार करके फैसला ले हवय।
नगरी विकासखंड, सिहावा विधानसभा अउ कांकेर लोकसभा क्षेत्र के ये गांव म बच्छर के रेंगे ले पगडंडी बनगे हे। जो ह ये गांव म आए-जाए के रद्दा हवय। इहां चार पहिया वाहन नइ जा सकय। लोगन मन आज तक ले बिजली घलो नइ देखे हे। सोलर प्लेट ले जतका बिजली बनथे ओखरे ले रात के काम चलत हवय। गांव के लोगन मन ल पीडीएस के राशन बर दूसर गांव तक सफर करे बर पड़थे। पीएम उज्जवला योजना ह कोनों के रसोई म नइ पहुंच पाए हे। लोगन मन आज भी जंगल के लकड़ी के सहारे चूल्हा जलाए बर मजबूर हवय।
गांव म सब्बों मकान के छत ह घास फूस के हवय। ये गांव म एक ठन प्रायमरी स्कूल हवय, जे एक अरसा ले बंद हे। स्कूल के दरवाजा म लगे ताला कहत हवय कि इहां के लइका मन के भविष्य म घलो ताला लग गेहे। गांव म रोजगार गारंटी योजना के कोनो काम नइ होय हे अउ न कोनों सरकारी काम खुले हे। लोगन मन जैइसे-तैइसे अपन गरीबी गुजारा करत हवय। ये गांव म कोनो गर्भवती ल प्रसव पीड़ा होथे या कोनो बीमार पड़ जाथे। तव ओला नाव ले बेलर बाहरा ले जाए बर पड़थे। गांव के लोगन मन अपन विधायक अउ सांसद के नाम घलो ठीक ले नइ जानय।