भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव जेला हम सब ‘आठे’ या ‘आठे कन्हैया’ के नांव ले जानथन.
हमर भारतीय संविधान अउ शिक्षा नीति मन मा घलो लइका मन ला अपन मातृभाषा मा पढ़ई-लिखई बर जोर दे हवे।
त वो सोज्झे कहि दिस- “मैं नून चटनी म बासी खाके जी लेहूं फेर सरकार के कोनो किसम के सहयोग नइ झोंकौं.”
हमर हिंदू धर्म म पूजा पाठ कर्म काण्ड अनुष्ठान के एक धार्मिक कारण अवश्य रहिथे
साज सम्हर के आइस देवारी, लक्ष्मी धन बरसावत
माटी के दीया ह करिस अंजोरी, चंदा देख लजावत
हमर छत्तीसगढ़ ह वन बाहुल्य राज्य आए, बरसात के दिन म एक घांव बारिस अऊ जमीन, जुन्ना पेड़ मन म आने आने प्रकार के मशरूम उगथे
गाँव के बइगा (पुजारी) गाँव भर के सबो देवी देवता ल सुमर गाँव के पूजा पाठ कर गाँव के सुख, शाँति, उन्नति अउ सपन्नता के कामना अउ प्रार्थना करथे।
आज कल आधुनिक तरीका ले खेती होवत हवय. पहिली गोबर खातू के उपयोग जादा करय
हरेली के दिन गाँव के किसान भाई मन अपन खेती के औजार उपकरण के साफ -सफाई करके, पूजा-अर्चना करथें।