प्यार बर गोबिंद ह छोड़ दिस लाल आतंक
रायपुर। पुराना कहावत हवय कि प्यार एक अइसे शब्द हे जे ह पत्थर ल भी पिघला देथे । प्यार ल पाए बर गलत रास्ता ल छोड़ना, प्यार बर लक्ष्य तय करना फिर ओला पाना, फिल्म म अइसे कहानी ल आपन खूब देखे हो हू। । लेकिन छत्तीसगढ़ म प्यार के अइसे दू रियल लाइफ स्टोरी जय जोहर ह आप मन ल बतावत हे। पहिली स्टोरी म एक खतरनाक नक्सली कमांडर ह अपन प्यार क खातिर हथियार ल छोड़ दिस। तो दूसर म प्यार ल पाए एक युवक ह पुलिस अधिकारी बनागे।
छत्तीसगढ़ म एक बखत जब लाल आतंक अपन चरम म रहिस हे। ओ बेरा म नक्सली कमांडर गोविन्द ल बस्तर म सबो झन जानत रहिस हे। अउ ओकर नाम से लोगन मन डरय। कोंडागांव के जंगल म भटकत ए नक्सली ल अपन गांव के लड़की रमोली ले प्यार होगे। फिर प्यार के परवन ह अइसे चढ़िस कि अपन प्यार के खातिर गोविन्द ह माओवाद संगठन ले नाता तोड़ दिस।
गोविन्द ह बताइस कि शादी बर रमोली ह एक ठन शर्त रखिस कि नक्सली संगठन छोड दे। बस ओ ह संगठन छोड़ के अपन प्रेयसी के हाथ थाम लिस। गोविन्द के पत्नी रमोली कहिन कि हमार प्यार कभी कम नइ होवय। लोगमन तो एक दिन वेलेंटाइन डे मनाथे, हमार बर पूरा साल वेलेंटाइन डे जइसे है।
मंजिल तक पहुंचे के महत्वपूर्ण सीढ़ी हवय प्यार
प्यार मनखे के मंजिल तक पहुंचे के महत्वपूर्ण सीढ़ी हवय। ये गोंठ ह कोंडागांव के एएसपी नक्सल ऑपरेशन माहेश्वर नाग अउ सृष्टि के प्रेरणा हे। अउ दूनों के संघर्ष भरे कहानी ल भी दरसाथे । अपन प्यार ल पाए बर एएसपी ह कड़ी मेहनत अउ लगन से पढ़ाई करिस। कबर कि बगैर कामयाबी के ओखर मन के प्यार मिलना मुश्किल रहिस हे। आज दूनों के कहिना हे कि वेलेंटाइन डे प्यार का दिन हवय चाहे प्रेम कोनों रूप म हो, मां बाप के प्यार, दोस्त मन के प्यार, प्रेमी-प्रेमिका के प्यार अउ लइका मन के प्यार । इंसान ल हमेशा प्यार बटोरत रहना चाहिए।