छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस म विचार गोष्ठी के आयोजन रायपुर। राज्य सरकार के संस्कृति अऊ पुरातत्व विभाग अउ छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग कोति ले बुधवार के रजधानी म छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर म विचार गोष्ठी के आयोजन करे गिस। महंत घासीदास संग्रहालय परिसर स्थित सभागृह म दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम के शुभारंभ छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष केआर. पिस्दा ह करिस। रायपुर संभाग के कमिश्नर जीआर.चुरेन्द्र के अध्यक्षता म आयोजित कार्यक्रम म वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विनय कुमार पाठक, पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुशील त्रिवेदी, कवर्धा के वरिष्ठ कवि गणेश सोनी प्रतीक, भाखा वैज्ञानिक अउ पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के पहिली प्राध्यापक डॉ. चितरंजन कर संग वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर शर्मा अऊ बड़ संख्या म साहित्यकार अउ प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहिन।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के.आर. पिस्दा ह कार्यक्रम म कहिन के छत्तीसगढ़ी राजभाषा ल काम-काज के भाखा बनाए बर छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग कोति ले सराहनीय प्रयास करे जात हे। एखर बर सबके सहभागिता ले सरलग उदीम करे के जरूरत हे। ए दिसा म उमन छत्तीसगढ़ी भाखा म जादा ले जादा साहित्यिक रचना मन के प्रकासन के जरूरत बताइन। रायपुर संभाग के कमिश्नर जीआर. चुरेन्द्र ह कार्यक्रम के अध्यक्षता करत कहिन के हमला अपन घर, परिवार, समाज अऊ कार्यालय मन म बोलचाल म छत्तीसगढ़ी भाखा के उपयोग करे के संकल्प लेना चाही।
पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुशील त्रिवेदी ह कहिन के बड़े अधिकारी आम जनता ले छत्तीसगढ़ी म बातचीत करय त धीरे-धीरे काम-काज घलोक छत्तीसगढ़ी म चालू होही। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विनय कुमार पाठक ह कहिन के छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के माध्यम ले छत्तीसगढ़ी-हिन्दी अऊ छत्तीसगढ़ी-अंग्रेजी म सब्दकोस प्रकासित करे गे हे। जेला विश्वविद्यालय, पुस्तकालय मन म देहे गे हे। सरकारी काम-काज म छत्तीसगढ़ी भाखा के परयोग ल बढ़ावा देहे बर राजभाषा आयोग कोति ले मंत्रालय (महानदी भवन) म प्रशिक्षण कार्यक्रम के बेरा-बेरा म आयोजन करे गए हे। केन्द्र अऊ राज्य सरकार के कई ठन कार्यालय मन म छत्तीसगढ़ी भाखा के उपयोग ल बढ़ावा दे बर आयोग कोति ले राजभाषा समन्वय समिति के बैठक आयोजित करे गेहे। बिलासपुर स्थित पंडित सुन्दर लाल शर्मा विश्वविद्यालय म छत्तीसगढ़ी भाखा म पीजी डिप्लोमा कोर्स चालू करे गए हे। उमन बताइस के राजभाषा आयोग कोति ले छत्तीसगढ़ी ल संविधान के आठवां अनुसूची म सामिल करे बर सरलग उदीम करे जात हे। ए अवसर म वरिष्ठ कवि गणेश सोनी प्रतीक, डॉ. चितरंजन कर, रामेश्वर शर्मा, आशीष सिंह ठाकुर अऊ राहुल सिंह ह घलोक अपन विचार प्रकट करिन।