भूख के कारण होइस सैकड़ बरस पुराना कछुआ के मउत
बिलासपुर। जिला के रतनपुर के बूढ़ादेव मंदिर म सैकड़ बरस पुराना कुंड के सफाई के दउरान मिला 50 किलो काछुआ अब ये दुनिया म नइए। 12 दिन बाद ओकर मउत होगे। मउत के बाद बाकायदा डॉक्टर ह पोस्टमार्टम करिस हे। रिपोट म कहे गेहे कि अब्बड़ दिन ले कछुआ ल कुछु खाए बर नइ मिलिस हे। ओखर दांत घलो घिस रिहिस हे। अइसे म भूख ह येखर जान ले लीस। खास बात ये ह कि येला जब फोदवा तरइया म छोड़े गिन तभे वन विभाग येखर दाना-पानी के जुम्मेदारी ले रिहिस हे।
बिहनिया कुछु लोगन मन नहाए बर फोदवा तरइया पहुंचिन तभे उमन के नजर कछुआ पर पड़िस अउ ओला हिलता डुलता नइ देख के खबर वन विभाग ल दे गिस । मउका म विभाग के अधिकारी पहुंचगे संगे-संग डोर डाक्टर डॉ. सतीश सिंह घलो पहुंचगे उहां उमन ह ओला मरे घोषित करिस हे। कछुआ के मउका म पीएम करे गिस । एखर बाद वन विभाग के अफसर मृत कछुआ ल डिपो म लाके जलात रहिन, एमा बूढ़ादेव के पुजारी विक्की ह मना करिस। उहां विरोध ल देखत हुए समझाइस दे गिस अउ मामला शांत करे गिस। ये पूरा मामला म बिलासपुर डीएफओ एसएस कंवर के रटे-रटाया सरकारी बयान दिस हे। उमन कहिन कि कछुआ के मउत के बारे म रतनपुर रेंजर ह सूचना नइ दे हे। मामला के जानकारी ले जाही।