सत्ता ह बजाइस ताली तो विपक्ष ह खुद ल नइ रोक पाइन ….. काबर
रायपुर। कभी मुसीबत मन ल चुनौती देकर… कभी किसान मन के संग अपन ल बताके.. तो कभी विभाग मन के खूबियां शब्द मन म पिरोकर…… ए सत्र म मुख्यमंत्री रमन सिंह के अंदाज शायराना-शायराना सा हवय। सीएम के ए अंदाज ले जिहां सत्ता पक्ष ह ताली बजाइस तो विपक्ष घलो बिना मुस्कुराए नइ रिहिन।
बजट पेश करत हुए 10 फरवरी के मुख्यमंत्री रमन सिंह सदन ह हल्के-फुल्के अंदाज म चंद पक्तियां बोलके सदन के माहौल हल्का कर दिस। कांग्रेस विधायक के तंज पर सीएम ह मुस्कुराते हुए कहे रिहिस हे ‘साहिल ले सुकून ले काला इंकार, लेकिन तूफान ले लड़े के मजा अउ हवय …।’ एति बर 15 फरवरी के बजट म चरचा के बखत किसान मन के मुद्दा म बोलत हुए रमन सिंह ह सरकार ल किसान हितैषी बतात हुए वोह सरकार के प्राथमिकता ल बताइस। इहां एक बार फेर अपन बात के वजन बढ़ाए बर शायरी कर डालिस।
……..ना डरा ऐ मौसम मोला , नाकाम होही तोर हर कोशिश ह, …जिंदगी के मैदान म खड़ा हव, …किसान मन के काफिला लेकर….
23 फरवरी, शुक्रवार क सदन म अनुदान मांग मन म चरचा के दौरान रमन एक बार फेर शायराना होगे। वोह किहिस कि , नवगठित राज्य के पहला विधानसभा चुनाव 2003 म होइस । जनता के बहुमत मिलिस तो हमन एक रोडमैप बनाके एखरका क्रियान्वयन करेन। हौसल मन के बल म मिले जीत ल याद करत हुए सीएम ह किहिस कि……..
गर रखबे हौसला तो वो मंजर घलो आथे …
प्यासा के पास समंदर घलो चलके आथे …
थक हारके न बैइठ जाये कोनो मुसाफिर …
तो मंजिल घलो मिलथे अउ मिले के मजा घलो आथे….
अभी बजट सत्र के कुछ दिन बाकी हवय। हो सकत हे सदन म सीएम रमन फेर कोनो शायरी ल कहत सुना देवय।