ये नायाब पथरा ले मिलही सरगुजा विस्वविद्यालय ल पहिचान
अम्बिकापुर। सरगुजा विस्वविद्यालय म प्रबंधन ह एक अइसे नायाब पथरा ल गड़ाए करे हे, जेकर इतिहास एक -दू- चार- दस सौ बछर नइ बलकी 150 करोड़ बछर पुराना हे। भू वैज्ञानिक मन ह गांव सांडबार म ये प्राचीन पथरा के खोज करिन हे। ये पथरा ले विस्वविद्यालय परिसर के पहिचान बनय जाही। ये पथरा के का विसेषता हवय येकर बर रिसर्च घलोक करे जाही।
दरअसल हमन जे पथरा के बात करत हन ओला सरगुजा के गांव सांडबार म भू वैज्ञानिक मन ह ढूंढीस हे। ये 5 तरह के पथरा ले मिलके बने हवय। ये पथरा ह 14 फिट उंचा हे अउ वजन 12 टन हे। ये पथरा ल सांडबार ले भकुरा ले जाय बर प्रबंधन ल काफी मेहनत करना पड़िस हे। दावा करे जात हे कि ये पथरा करीबन 150 करोड़ बछर पुराना बताए जात हे। विव के परिसर म येकर अनावरण करे गेहे।
ये पथरा स सिफ्ट कराय बर स्पेशल क्रेन बुलवाय गिस हे। फिलहाल प्रबंधन ह भकुरा गांव म स्थित विस्वविद्यालय के कैंपस म ये पथरा ल गड़ाइस हे। ये पथरा ह 4 फीट भूइमया के तरी अउ 10 फीट भूइंया ल उपर हे। ये बात कहे जात हे कि विस्वविद्यालय कैंपस बने के बाद ये 150 बछर पुराना पथरा आकर्षण के केन्द्र होही।
सरगुजा विस्वविद्यालय के कुलपति रोहणी प्रसाद के मानना त मुख्यालय अम्बिकापुर ले लगे सांडबार इलाका म मिले ये पथरा ल विस्वविद्यालय प्रबंधन ह निर्माणाधीन कैंपस म स्थापित घलोक कर दिस हे। कुलपति के कहिना हे कि ये पथरा के वैज्ञानिक परीक्षन कराय के बाद ही ये तय हो पाइस कि ये 150 करोड़ बथर पुराना पथरा हे।