सरकारी तंत्र के लापरवाही ….. नइ मिलिस किसान मन फसल बीमा के लाभ
उपभोक्ता फोरम पहुंचिन किसान मन …..कहिन के जरूरत पड़ही त हाईकोर्ट घलोक जाबो
खोमेंद्र देशमुख,रायपुर । छत्तीसगढ़ म एक बेर फेर सरकार के लापरवाही के चलत प्रदेल के लाखों किसान मन ल प्राकृतिक आपदा म बरबाद होय फसल मन के बदले म मिलइया बीमा रासि ले वंचित होय बर पड़िस, जेखर ले पता चलते हे के कृषि ह लाभ के धंधा बनाय के बात करइया सरकार, किसान मन के प्रति कतना असंवेदनसल हे अउ किसान हित के बात केवल भासन तक सीमित हे। पाछू के अनेक बछर ले प्रदेस के हजारों किसान मन ल फसल बीमा योजना म कृषि विभाग के लापरवाही के चलत करोड़ों रूपया के नुकसान झेले बर पड़िस हे। उहें बीमा रासि नइ मिले के वजह ले किसान मन बेरा म ऋण अदायगी नइ कर सकीस । अउ पूरा प्रदेस म सैकड़ों किसान मन ल आत्महत्या करे बर बाध्य होना पड़िस। किसान मन ल फसल बीमा कराय के बाद भी सूखा पड़े म मुआवजा रासि नइ मिलिस। जिला जनदरसन म आवेदन करिन, लेकिन इहां घलो निरासा हाथ लगिस। त परेशान किसान मन ह बीमा कंपनी के खेलाफ उपभोक्ता फोरम म सिकायत करत अधिवक्ता के माध्यम ले आवेदन करिन। किसान मन के कहिना हे उपभोक्ता फोरम ले न्याय नइ मिल ही त हमन हाईकोर्ट जाबो।
आजकल अन्नदाता मन राजनीतिक पार्टी मन एजेंडों म होवत हे। लेकिन सोचो के बत हे के का कोनो पार्टी ह किसान मन के सुध नइ लिस। उमन ल सिरिफ चुनाव के बेरा म किसान, गरीब मन के याद आाथे। का उमन आज किसान मन के सुध लेके फुरसत नइए। विधानसभा चुनाव म सरकार अपन विकास के गाथा गावत सरकार के उपलब्धि मन ल गिनाय बर यात्रा मन अउ सभा मन म करोड़ों रुपिया खरच कर डारे हे। लेकिन गरीब मजबूर किसान मन के आज घलो उंखर हक के पइसा मिलना बाकी हे। सरकार अपन विकास यात्रा म किसान मन ल प्रधानमंत्री फसल बीमा के रासि करोड़ों म बांटे के दावा करत रहिस हे,लेकिन हजारों किसान मन फसल बीमा के लाभ ले आज घलो वंचित हे,अउ उंखर हाथ लगिस हे सिरिफ मायूसी।
मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र वाले जिला राजनांदगांव म हजारों किसान मन फसल बीमा के राशि पाय बर आंदोलनरत हे लेकिन सरकार अउ कृषि बेभाग के रूचि नइ लेय के बजह ले अपन फसल के बीमा लोक सेवा केंद्रों (CSC) के माध्यम से ऑनलाइन कराय किसान मन बीमा राशि से वचित हे। पात्र किसान मन ह बताइस के उंखर द्वारा बीमा कम्पनी के कारयलय म संपरक करे म उंखर प्रकरन ल सही व पात्र घलो बताइस अउ बीमा भुगतान के रासि के उल्लेख घलो करत हुए हफ्ता दस दिन मन म पेमेंट के बात घलो कहे गिस, लेकिन महीना गुजरे बाद नतीजा सिफर रहिस हे। ओती बीमा कम्पनी ले संपरक करे म विलंब के कारण बतात हुये जवाब मिलिस के किसान मन के द्वारा जे जानकारी दे गिस हे ओमा कुछु त्रुटि हवय। जइसे बैंक खाता नम्बर व आईएफएससी कोड गलत भरे गेहे। जेखर वजह ले ऑनलाइन पइसा ट्रांसफर नइ हो पावत हे। अउ सोसायटी मन के माध्यम ले जानकारी मांगे जावत हे। कुछ इही तरह के जवाब सोसायटी मन ले घलो मिलिस के कुछु गलतियां ह जेखर सुधार बर किसान मन ले सम्परक करे जात हे। अउ ये प्रक्रिया म समय लगत हे।
ये मामला म छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के महासचिव से बात करे गिस त एक अउ दिलचस्प पक्ष आघू आइस। उमन ह बताइइन के कुछु किसान मन के जानकारी म जरूर त्रुटि रहिस हे ,लेकिन जे किसान मन ल सूखा राहत रासि मिल चुके हे अउ उंखर समस्त जानकारी सही हे अउ बीमा बर पात्र पाय गिस हे उमन ल घलो भुगतान नइ मिले हे। बीमा कम्पनी उपर दबाव डाले म कुछु लोगन के पेमेंट त कर देय गेहे । बाकी बचे मन ल भुगतान नइ करे गिस। कंपनी के अधिकारी मन जानकारी मांगे म बहाना बनाके पल्ला झाड़ लेथे। , उन्होंने यह भी बताइस के हमन लगातार किसान मन के हित के लड़ाई लड़त हन अउ उपभोक्ता फोरम म घलो कुछ प्रकरन विचाराधीन हे। हमन ल कुछु प्रकरन म सफलता घलो मिलीस हे। लेकिन लचर बेवस्था क वजह ले किसान अभू भी मायूसी बर किस्मत ल कोसे बर मजबूर हे।
किसान मन ले जादा कंपनी मन ल फायदा
सरकार के महत्वाकांक्षी फसल बीमा योजना ले किसान मन ले जादा कंपनी मन ल फायदा होवत हे। पाछू बछर खरीफ सीजन 2017-18 म ए बीमा कंपनी मन के मुनाफा 85 फीसदी रहिस हे। खरीफ के सीजन जुलाई ले अक्टूबर के बीच चलत हे। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के पैनल म देस के 17 बीमा कंपनियां (5 सरकारी अउ 12 प्राइवेट कंपनियां) सामिल हे। ये कंपनी मन ह 15,029 करोड़ रुपिया के सानदार मारजिन हासिल करिन हे। ए कंपनी मन ह सिरिफ 2767 करोड़ रुपिया के पये का बीमा फसल के मुआवजा के भुगतान करिस, जबके इमन ल बतौर प्रीमियम 17,796 करोड़ रुपिया मिलिस हे।
किसान मन ल भारी पड़ीस तंत्र के लापरवाही
प्रदेस म पाछू बछर खराब होय खरीफ फसल मन बर हजारें किसान मन ल पात्र होवत हुए घलो प्रधानमंत्री फसल बीमा नइ मिल पाइस। सरकारी तंत्र के लापरवाही के चलत प्रभावित किसान मन ल फसल बीमा दावा ही नइ बना पाइस। दरअसल, राजस्व अधिकारी मन ह फसल के बोए क्षेत्र अउ बीमित क्षेत्र के डाटा दरज करे म लापरवाही बरते। नतीजा ये होइस के बीमा कंपनी म इकर दावा ही प्रस्तुत नइ हो पाइस। उहे जिला म राजस्व बेभाग के पटवारी मन ल बोवनी अउ बीमित रकबा म दरज करय म लापरवाही बरतीस।