पूरा शराबबंदी.. सरकार ल घेरे के कोसिस.. मिलिस ए जवाब..
मंगलवार के बजट सत्र ह रिहिस हंगामादार
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा म बजट सत्र जारी हे। मंगलवार के प्रश्नकाल हंगामेदार रहिस। बिहनिया 11 से 12 तक चले ए प्रश्नकाल म अजय चन्द्राकार अउ सत्ता पक्ष के विधायक मन के बीच नोकझोंक होइस।
प्रदेस म पूरा शराबबंदी ल लेके अजय चन्द्राकर ह सरकार ले सवाल करिन। एखर बाद शराबंदी के मुद्दा ल लेके पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ह सरकार ल घेरे के कोसिस करिस। तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह मोरचा संभालिस।
दरअसल अजय चन्द्राकर ह सवाल करिन के प्रदेस म पूरा शराबबंदी ल लेके सरकार ह एक अध्ययन समिति बनाए के बात कहे रहिस हे। अध्ययन समिति बनगे का अउ यदि बनगे त एमा कउन-कउन लोगन सामिल हे। एखर जवाब म मंत्री कवासी लखमा ह कहिन के, एमा काम करे जात हे।
एखर बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ह सवाल करिन, कांग्रेस ह अपन जनघोषना पत्र म ए मुद्दा ल सामिल करे रहिस हे। फेर एला लागू करे म देरी काबर करे जात हे। अजीत जोगी ह कहिन, घोसना पत्र म कोनो मुद्दा सामिल करे के पहिली ओखर अध्ययन करे जात हे। स्वभाविक हे के शराबबंदी ल लेके घलो अध्ययन करे गिस हे। अइसे म दुबारा अध्ययन करे के जरूरत काबर पड़िस हे। प्रदेस म शराबबंदी लागू करे म देरी काबर होवत हे?
एखर जवाब म मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह कहिन, सरकार पूरा शराबबंदी बर प्रतिबद्ध हे। प्रदेस के जनता ह हमन ल पांच साल बर चुने हे। न के पचास दिन बर। जतना भी वादा हमन जनता ले करे रहे हन। सारा पूरा होही। एमा शराबबंदी घलो सामिल हे।
शराबबंदी ल नोटबंदी के तरह लागू नइ करे जा सकय।एखर बर दू अध्ययन समिति बनेहे।एमा एक समिति ओ राज्य मन के दउरा करही, जिहां शराबबंदी लागू हे। उहां शराबबंदी के बाद के स्थिति के पता लगाय जाही। एखर अलावा दूसर समिति ए बात के अध्यययन करही के शराबबंदी के बाद प्रदेस म दूसर राज्य मन ले शराब अवैध तरीका ले न आवय।एखर बर का उपाय करे जाही।