दू दर्जन गांव के मनखे कैद, नक्सली फरमान ले गांव ले नई निकल पात हे ग्रामीण.. काबर पढ़व ऐ खबर
नारायणपुर. सुरक्षाबल ले खार खाके अब नक्सली मन ह नवा दांव खेले हे। मामला हरे अबूझमाड़ इलाका के जिहां दू दर्जन ले ज्यादा गांव के मनखे मन न राशन लाए बर जा सकत हे न जंगल.. अईसे में ओखर मन के आगू ऐ दुविधा हे कि घर के गुजर-बसर कईसे होही। माड़ इलाका के ऐ गांव म जन अदालत लगाके गांव वाला मन उपर नक्सली मन बंदिश लगा दे हे। पुरुष अउ माई लोगन मन बर अलग-अलग नियम बना हे।
मिले जानकारी के अनुसार माई लोगन मन ल जिहां राशन दुकान अऊ आसपास हाट-बाजार करे के छूट दे गे हे त उहें युवा मन के संगे-संग पुरुष मन ल जिला मुख्यालय जाए के मनाही हे। ओमन राशन अऊ जंगल घलो नई जा सके। कोनों बिसेस बूता बर जाना होही त जनताना सरकार ले अनुमति ले के जाए बर पड़ही।
उहें नक्सली मन के कोनों विश्वसनीय मनखे ल लेके जाए ल पड़ही। जेन ऐ फरमान ल नई मानिस अईसे आठ गांव के 31 परिवार ल नक्सली मन पहिली ही गांव ले भगा दे हे। आज ओ परिवार ह जिला मुख्यालय म शरण ले बर मजबूर हे।
माड़ के टाहकाढोड, कदेर, ब्रेहबेड़ा, बालेबेड़ा, मेटानार, ताड़ोनार, गारपा, तुड़को, तुमेरादी, परियादी, ओरछापर, कोंगाली संग कई गांव म ऐ फरमान के सूचना हे। ऐ वजह ले आज अबूझमाड़ के रहवासी मन न घर के न घाट के वाला स्थिति म हे।
बता देन कि टाहकाढोड़ निवासी एक युवक ह गांव कुछ लोगन मन संग आत्मसमर्पण करे बर थाना आए रिहिस। पुलिस ह पूछताछ करिस फेर ओखर गिरफ्तारी करे बिना ओला रवाना कर दिस। गांव ओ ह गांव पहुंचिस त ऐखर खबर नक्सली मन ल मिलिस कि ओहा आत्मसमर्पण करके लौटे हे।
इही बात ले नाराज होके नक्सली मन ओला पकड़ के जंगल कोती ले जात रिहिस। फेर कोनों तरीका ले ओ ह भाग निकलिस अऊ जिला मुख्यालय म शरण ले के बईठे हे।