chhattisgarh के अनोखी परम्परा: होलिका दहन के बाद गॉव के सुख अउ शांति बर अंगार म चलत हे ग्रामीण
जय जोहार। (chhattisgarh )गरियाबंद जिला के मैनपुर ब्लॉक के गोहरापदर अउ देवभोग ब्लॉक के घोघर अउ मुंगिया गॉव म होलिका दहन के बाद आस्था अउ श्रद्धा के सेती ग्रामीण ह धधकत अंगार के ऊपर नंगे पैर चलत हे । ए काम म युवा ल लेके बुजुर्ग तक पाछू नई रहिथे। ग्रामीण के दावा हे कि आग म चले के बाद घलो कोनो ग्रामीण के न त पैर जलत हे अउ न ही कोनो परेसानी होवत हे । सबो ग्रामीण ह बारी-बारी ले आग म ले निकलत हे । घोघर म ग्रामीण पिछले कई बछर ले होली म आग म ले निकलत आवत हे। उंहे गोहरापदर म करीबन सौ बछर ले ये परंपरा चले आवत हे । युवा अउ बुजुर्ग जलत अंगार म अइसे चलते हे, जइसे फूल म चलत हो।
परम्परा ल पूरा श्रद्धा के संग निभावत हे ग्रामीण
ग्रामीण ह अपन ए परंपरा ल पूरा श्रद्धा ले निभावत आवत हे । घोघर गॉव के चौराहै म ग्रामीण के सहयोग ले होलिका दहन करे जात हे । पंचायत के सरपंच अउ गॉव के पुजारी बृजलाल सोरी ह बताइन कि ये परम्परा ह कई बछर पुराना हे , बृजलाल के अनुसार होलिका दहन के बाद सबले पहिले धधकत अंगार म वे खुद चलत हे। एखर बाद पूरा गॉव के मनखे देवी के जयकारा करत हुए अंगार के बीच ले होके गुजरत हे। ग्रामीण घनश्याम सोनवानी के मुताबिक अंगार के बीच ले होके गुजरे म ठंडकता के अहसास होत हे। गॉव के सुख समृद्धि के कामना कर सबो ग्रामीण अंगार के बीच चलके गुजरते हे।
होलिका दहन के बाद अंगार म चले के हे प्रथा
होलिका दहन के बाद धधकत अंगार के ऊपर ले नंगे पैर चले के सिलसिला करीबन सौ बछर ले चलत हे । एखर सुरु होय के पाछू के सेती ग्रामीण ह प्राकृतिक आपदा ले गॉव ल बचाना मानत हे। उंहे तिहार आए के कई दिन पहले ले ग्रामीण डहार ले तइयारी सुरु कर दे जात हे । बड़ अकन संख्या म ग्रामीण ह ए आयोजन म भाग लेवत हे ।
गोहरापदर के वरिष्ठ नागरिक जुगधर यादव,पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी अउ गुरुनारायण तिवारी ह किहीन कि ए प्रथा के सेती ले गांव म कभू कोनो प्राकृतिक आपदा नई आत हे । सुख-शांति-समृद्धि बर हमर बुजुर्ग डहार ले सैकड़ों बछर ले ए परंपरा ल निभाए जावत हे । इंही मान्यता के सेती हरेक बछर होली दहन के बाद ये आयोजन ल ग्रामीण डहार ले करे जात हे।