रामायण महोत्सव ल लेके सियासतः कांग्रेस कहिस भाजपा के राजनैतिक पाखंड फेर आगू आ गे
15 साल सत्ता म रहिके राम, माता कौशल्या के सुरता नई आईस अब चुनाव के बेरा म करत हे सुरताः सुरेन्द्र वर्मा
रायपुर. रायगढ़ म राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन ल लेके भाजपा कोती ले होत विरोध ल लेके कांग्रेस ह पलटवार करे हे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ह कहिन कि छत्तीसगढ़ के जनता ह 15 साल भाजपा ल मौका दिस फेर भारतीय जनता पार्टी ह राम के काज ल भुला गे। छत्तीसगढ़ के कण-कण म प्रभु राम बेस हे। पुरखौती ले छत्तीसगढ़ ल कौशल प्रदेश अऊ बस्तर ल दंडकारण्य के नाव ले जाने जाथे। रामायण म अरण्यकांड के संदर्भ घलो छत्तीसगढ़ ले रहे हे। अवईया 1 जून ले 3 जून तक राष्ट्रीय रामायण महोत्सव म विशेष तौर ले अरण्यकांड के प्रसंग के वाचन अऊ गायन होही।
सुरेन्द्र वर्मा ह कहिन कि ए आयोजन म कुमार विश्वास के संगे संग कई नामचीन हस्ती मन संघरही। 12 राज्य के रामायण मंडली के संगे-संग विदेश ले घलो रामायण मंडली ह पहुंच के अपन प्रस्तति दिही। छत्तीसगढ़ के उत्तर म कोरिया जिला के सीतामढ़ी हर चौका ले लेके दक्षिण म सुकमा जिला के रामाराम तक 75 स्थल राम वन गमन पथ के रूप म चिन्हित कर पर्यटक सुविधा ल विकसित करे जात हे। उहें चंदखुरी, शिवरीनारायण, राजिम के संगे-संग आठ स्थल म तीसर चरण के बुता घलो पूरा हो चुके हे। राम वन पथ गमन के 2260 किलोमीटर म रद्दा म दूनों कोती फलदार पौधा लगाए जात हे। माता कौशल्या के दुनिया म एकमात्र मंदिर राजधानी ले सिरिफ 27 किलोमीटर दूर म हे। 15 साल रमन सिंह मुख्यमंत्री रिहिन फेर ओला एखर सुध नई आए रिहिस। अब जब भूपेश सरकार न सिरिफ कौशल्या मंदिर के जीर्णोद्धार करिन अऊ हर बछर माता कौशल्या उत्सव अऊ शिवरीनारायण, राजिम, चंदखुरी म रामायण महोत्सव के शुरुआत घलो करिन। राज्यभर के रामायण मंडली मन ल संरक्षण दे बर घलो भूपेश सरकार तेजी ले बुता करत हे।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ह कहिन कि धर्म के ठेकेदार होए के दंभ भरईया भाजपाई मन बर गाय, गोबर, प्रभु श्री राम अऊ माता कौशल्या घलो सिरिफ चुनावी लाभ बर हरे। छत्तीसगढ़ म प्रभु श्री राम अऊ माता कौशल्या ना सिरिफ धार्मिक लिहाज से बल्कि इहां के संस्कृति म रचे बसे हे। इहां जन्मोत्सव ले छठी कार्यक्रम मन म घलो हमर पुरखौती ले रामायण के पाठ होथे। बिहनिया के अभिवादन हमर राम-राम ले, भेंट मुलाकात सीता-राम ले होथे। धान का कटोरा हमर भुईयां म जब किसान ह अपन फसल के मिंजाई के बाद नपाई करथे त नापे के पैमाना “काठा“ म गिनती करे के पहिली शब्द घलो “राम“ ले शुरू होथे। इहां के किसान काठा ले नपाई के बेरा म पहिली काठा प्रभु श्रीराम के नाव ले शुरू करथे जेन ह न सिरिफ श्रद्धा अऊ आस्था ए बल्कि छत्तीसगढ़ के संस्कृति म प्रभु श्री राम रचे बसे हे। पुरखौती म कौशल प्रदेश के नाव ले जाने जाना वाला छत्तीसगढ़ माता कौशल्या के मायके हरे। एखरे सती छत्तीसगढ़ म प्रभु श्री राम ला “भांचा“ के रूप म पूजे के परंपरा हे। भूपेश सरकार बने के बाद छत्तीसगढ़ म स्थानीय प्रथा, परंपरा, रीति-रिवाज, खानपान अऊ तीज-तिहार के सरकारी आयोजन के शुरुआत होए हे।मातागुड़ी, देवगुड़ी, घोटुल के संगे-संग रामलीला के आयोजन अऊ मंचन ल संस्कृति विभाग डाहर ले प्रोत्साहित करे जात हे। छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान अऊ आत्मसम्मान ह स्थापित होए हे त सामंतवादी सोच के भाजपा नेता मन ल पिरा होवत हे। रायगढ़ म होवईया राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन के विरोध भाजपाई मन के कालनेमि चरित्र ल उजागर करत हे।