रेसम सूत ले माई लोगिन मन गढ़त हे अपन सुघ्घर भविष्य.. खुलत हे कमई के रद्दा
सरगुजा. जिला के विकासखण्ड लखनपुर के रीपा पुहपुटरा की स्व सहायता समूह की महिलाएं टसर रेशम धागा करण से अच्छी कमाई कर रही है। रेशम विभाग द्वारा समूह द्वारा निर्मित धागा खरीदने से महिलाओं को बाजारों में धागा बेचनें की चिन्ता भी दूर हो गई है। गौरतलब है कि पुहपुटरा निवासी स्व सहायता समूह की महिलाएं राज्य शासन की मदद से स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ रही हैं। महिलाएं जहां एक ओर घर-परिवार की जिम्मेदारी निभा रहीं हैं, वहीं दूसरी ओर स्व सहायता समूह से जुड़कर अच्छी आमदनी भी कमा रहीं हैं।
विकासखण्ड लखनपुर के रीपा गौठान पुहपुटरा की स्व सहायता समूह की महिलाएं। महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना के तहत गौठान में टसर धागाकरण का कार्य प्रारंभ किया गया है। कार्य हेतु इच्छुक समूह की 20 महिलाओं का चयन कर उन्हें जिला प्रशासन द्वारा मशीन तथा अन्य आवश्यकताओं हेतु आर्थिक सहायता प्रदान किया गया। समूह की दीदी श्रीमती मीना राजवाड़े बताती हैं कि धागाकरण हेतु रेशम विभाग के माध्यम से तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। महिलाओं ने रुचि लेकर उत्साहपूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण पश्चात रेशम विभाग द्वारा टसर ककून खरीदकर हमने स्वयं धागा निकालना प्रारंभ किया और मात्र 2 महीने में ही समूह के द्वारा लगभग 2 किलोग्राम टसर धागा निकाला गया है। धागा बेचकर अब तक 11 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि रेशम धागाकरण की सबसे अच्छी बात यह है कच्चे माल एवं उससे निकाले गए धागे के विक्रय हेतु इन्हें कोई बाजार तलाशना नहीं पड़ता। रेशम विभाग का ककून बैंक स्वयं क्रय-विक्रय कर नकद भुगतान प्रदान करता है।