महापौर अल्का बाघमार ने मुख्यमंत्री और नगरीय निकाय मंत्री का जताया आभार
समिति की अनुशंसा पर मिली स्वीकृति, नागरिकों को वर्षों पुरानी समस्या से निजात
दुर्ग/ नगर पालिक निगम दुर्ग के लिए स्वच्छता और अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में राज्य शासन ने एक बड़ी सौगात दी है। शासन ने पटरी पार सिकोला नाला निर्माण कार्य हेतु 3 करोड़ 16 लाख 62 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। इस निर्णय से न केवल शहर की स्वच्छता व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि हर वर्ष बरसात के दिनों में होने वाले जलभराव से भी शहरवासियों को राहत मिलेगी।
महापौर अल्का बाघमार ने इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और नगरीय निकाय मंत्री अरुण साय का आभार जताते हुए कहा कि यह राशि दुर्ग शहर को बेहतर और स्वच्छ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
शासन ने रखीं सख्त शर्तें, गुणवत्ता और समयसीमा पर विशेष जोर
राज्य शासन ने इस स्वीकृति के साथ कई सख्त शर्तें जोड़ी हैं, ताकि निर्माण कार्य पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ तय समयसीमा में पूरा हो।निर्माण कार्य तकनीकी स्वीकृति और आबंटन सीमा के अनुसार ही होगा।सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना प्राक्कलन में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा।निविदा प्रक्रिया छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 व नियमों के अनुरूप होगी।कार्य केवल स्वीकृत डीपीआर, नक्शे और लेआउट के अनुसार होगा।गुणवत्ता और मानक का पालन अनिवार्य होगा।
समिति की अनुशंसा पर स्वीकृति
यह स्वीकृति स्थायी वित्त निर्देश 15/2025 के तहत दी गई है। इस संबंध में 17 जून 2025 को हुई प्रशासकीय विभागीय समिति की बैठक में इस परियोजना को अनुमोदन की अनुशंसा की गई थी।
शहर की बड़ी ज़रूरत पूरी होगी
सिकोला नाला निर्माण दुर्ग शहर की वर्षों पुरानी जरूरत थी। हर मानसून में नाले के अभाव में जलभराव, गंदगी और मच्छरों की समस्या से नागरिक परेशान रहते थे। अब इस परियोजना के पूरा होने पर जल निकासी व्यवस्था बेहतर होगी, स्वच्छता बढ़ेगी और पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
महापौर अल्का बाघमार ने नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य समयसीमा और गुणवत्ता दोनों का पालन करते हुए पारदर्शिता के साथ पूरा किया जाए।
पटरी पार सिकोला बस्ती नाला परियोजना के क्रियान्वयन से शहर के संवेदनशील जलभराव जोन में जलभराव की स्थिति समाप्त होगी। जल निकासी व्यवस्था विकसित होने से न केवल पटरी पार बल्कि आसपास के नागरिकों को भी बरसात में राहत मिलेगी। यह पहल दुर्ग शहर को स्वच्छ, सुरक्षित और सुगम बनाने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी।