सेमरा म 24 फरवरी के जल ही होली….. जानना चाहत हव तो पढ़व
धमतरी । लफ्फाजी नइ, हकीकत हवय। जिला के कुरुद ब्लॉक के ग्राम करबिन सेमरा म कोई भी त्योहार ल पहिली ले मना लिए जाथे। जम्मो देश, जिहां 1 मार्च के होलिका दहन करिही। उं हे सेमरा म 24 फरवरी के होली जल ही। अउ 25 फरवरी के रंग-गुलाल खेले जाही। मान्यता हवय कि सिदार देव के प्रकोप ले बचे बर गांव वाले मन ह अइसना करथे। सियान मन के कहिन कि सालों-साल ले ए परंपरा चलत हवय।
गांव के अजियार निषाद, फागूराम सिन्हा अउ गुहलेद सिन्हा ह बताइनन कि सिदार देव गांव के आराध्य हवय। पूर्वज मन के मुताबिक ग्राम बोरझरा ले सिदार नामक एक बलशाली मनखे ह एक बार घोड़ा म सवार होके सेमरा आए रिहिस हे। ओ बखत ए गांव ह जंगल ले घिरे रहिस हे। जंगली जानवर मन ह आए दिन हमला करत रहय। ओ बखत सिदार ए जानवर मन ले गांव वाला मन के रक्षा करत रहिस हे । वोह कब, कहां चले गिस एला कोनो नइ जानत हे। ओखर बाद ले गांव वाला मन सिदार के पूजा करे लगिस हे। कोनो शुभ कार्य बिना ओखर पूजा के शुरू नइ होवय।
बंद होगे अपशकुन ह
अग्रहिज सिन्हा अउ उदेराम सेन के कहिना हे कि सिदार देव के स्थापना के बाद ले गांव म जब भी कोनो त्योहार मनाए जातीस। कुछ ना कुछ अहित जरूर होवय। एखर सेती बुजुर्ग मन सोचिस कि शायद सिदार देव ह गुस्सा गेहे। एखरे सेती अइसन होवत हे। एखर बाद कोनो भी त्योहार पहिली मनाए बर शुरू करिस हे। तब ले गांव म अपशकुन होना बंद हो गेहे। । ग्रामीण मन कहिन कि ए परंपरा के निर्वाह नवा पीढ़ी घलो करत हवय।