कोंडागांव: शिल्प मेला म कला निखरे के उम्मीद
कोंडागांव । शिल्प नगरी के पहचान रखने वाला कोंडागांव जिला म पहली बार शिल्प मेला लगाए गेहे। ए शिल्प मेला म बायर अउ सेलर काउंटर के व्यवस्था जिला प्रशासन ह करिस हे। जिला प्रशासन के ए पहल ले शिल्प मेला के आयोजन ले बिखरे शिल्पिय मन ल एक मंच मिले ले काफी उत्साह हवय। ऐखर संग शिल्पि मन ल अपन कला निखारे के उम्मीद जागे हवय।
टेराकोटा, बेलमेटल, आयरन क्राफ्ट, बांस कला जैइसे शिल्प कला से अन्तराष्ट्रीय स्तर म जिला ल पहचान देने वाला शिल्पि मन के आज तक जिला स्तर म कोई खबर नइ ले गिस हे। पहिली बार स्थानीय शिल्पिमन ल जिला प्रशासन ह पहल करत हुए स्थानीय स्तर म बाजार दे के प्रयास करत हे। जिला प्रशासन के ये पहल ले शिल्पि मन ह ख़ुश हवय।
बेलमेटल के शिल्पी जैनेन्द्र ठाकुर के कहिना हे कि अब तक हमन अपन सामान ल बेचे बर बाजार अउ ग्राहक के तलाश करत रेहेन हन। अब हमला स्थानीय स्तर म सुविधा मिल जाही। एती बर नारायणपुर ले आए बास के शिल्पी चन्दन राम क कहिन कि अब लोगन मन ल पता चले गेहे कि इहां कतका शिल्पी हवय। हमन ल हमार पहचान मिल जाही।
कोंडागांव म करीब दस हजार लोगन मन शिल्प कला ले जुड़े हवय। लेकिन स्थानीय बाजार अउ व्यवस्था नइ मिले ले जम्मो शिल्पी एती-ओती बगरे हवय। शिल्प मेला के आयोजन ल लेकर कलेक्टर नीलकंठ टेकाम ह कहिन कि शिल्पी मन ल एक मंच दे के कोशिश करे जाथ हे। शिल्पकला म पूरा परिवार लगे रहिथे। बाजार व्यवस्था न होय के कारण लोगन नम ए काम ल छोड़त जाथ हे। ऐखर सेती हमल मन के प्रयास हवय की शिल्पी मन अपन कला ले दूर न होवय।