ए ददा रे.. रहस्य, डर, हंसी-मजाक अऊ मया के तड़का, लोगन मन ले भावत हे फिलिम
© फिल्म समीक्षक : देव हीरा लहरी चंदखुरी फार्म रायपुर
छत्तीसगढ़ी सिनेमा बर साल 2024 घलो खास हे, अगस्त महिना के आखरी तक करीब 10 फिल्म प्रदर्शित होय हे येमे दुल्हा राजा, भूख मया के, चाहत, बीए फाइनल, मोर छइंहा भुंईया भाग 2, माई का लाल रूद्र, मोर बाई हाई-फाई, हंडा, माटी पुत्र, नवा बिहान, अऊ 30 अगस्त के संघर्ष एक जंग के संग आनंद मानिकपुरी के ये ददा रे टाकीज म लगिस। बिलासपुर के प्रसिद्ध हास्य कलाकार यूट्यूबर इंजिनियर आनंद मानिकपुरी पाछु बरस जुलाई म अपन पहली फिल्म सरई लेके आय रहिस जेन बनेच चर्चा अऊ प्रसिद्धि पाइस। ये साल उंखर दूसरईया फिल्म ये ददा रे जेमे डरावना रहस्य हंसी मया के संग पारिवारिक हे तेन 30 अगस्त ले राज्य के जम्मो टाकीज मन म दिखाय जात हे।
द एडीएम शो अऊ एन माही प्रोडक्शन ले बने फिल्म ये ददा रे जेकर निर्माता मोहित साहू, सह निर्माता लेखक कथा पटकथा संवाद निर्देशक आनंद मानिकपुरी, सह निदेशक ज्ञानेन्द्र शुक्ला, छायांकन राजू देवदास, संपादन गौरांग त्रिवेदी, कोरियोग्राफर चंदनदीप, आडियोग्राफी मिलन दास, मेकअप नेहा यादव, तकनीकी सहायक तुषार मानिकपुरी, फिल्म वितरक तरूण सोनी मां फिल्म्स रायपुर हे। फिल्म म मुख्य नायक आनंद मानिकपुरी, मुख्य नायिका हेमा शुक्ला, बाकी कलाकार नितेश लहरी, मुकेश यादव, ज्ञानेन्द्र शुक्ला, मनोज यदु, नवरंग यादव, चन्दन पटेल, पिहू चौहान, पिंकी साहू, मनीषा वर्मा, अमीता यादव, निधी, श्री पाडे, विनोद उपाध्याय, मैडी नायक, अमनकांत, शशांक त्रिवेदी, विवेक चंद्रा, सत कुमार, नरेन्द्र चंदेल, दिग्विजय पाठक, संतु बरेठ, संतोष राठौर के साथ अऊ बहुत झन अभिनय करे हे।
यूट्यूबर ले अभिनेता बने आनंद मानिकपुरी के ये ददा रे सत्य घटना ले मिलते जुलते हे छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल म जुन्ना समय म भूत प्रेत चटिया मटिया चुड़ैल रक्सा के डर प्रचलित रहाय अऊ येला ठीक करे बर तांत्रिक बैगा मनके सहारा लेवय। कहानी इंहे ले शुरू होथे रात म दु झन ल बरत रक्सा दिखिस, सरपंच ल पता चलथे त बताथे गांव म बड़ विप्पत्ति अऊ करिया साया के खतरा हे। रघु हा सरपंच के नोनी गायत्री संग मया करे, रघु फिल्म के हिरो हरे जोन गांव के सुख-दुख बर हमेशा आगु रहे। गांव म तांत्रिक ल बुलाय गिस फेर तांत्रिक घलो ल चुड़ैल ह भगा दिस, रघु ल सरपंच के जुन्ना घटना पता चल जथे जेमे सरपंच हा पड़ोसी गांव के रूपमती से बिहाव करना चाहिस फेर रूपमती के मना करे म ओला जान सहित मार दे रहिस। कहानी इही मेर ले नवा मोड़ लेथे रघु सरपंच अऊ चुड़ैल रूपमती के आमना सामना करवाथे तब छुपे राज ल सरपंच बताथे रूपमती बिहाव बर मना करिस त मार के सब झन ल टोनही हरे बोल के बताय रहिस, रघु के समझाय ले चुड़ैल रूपमती मुक्त होके उपर चले गे। फिल्म म सुग्घर संदेश देहे कि गांव मन म महिला ल जबरदस्ती टोनही चुड़ैल बोल दिये जाथे जेमे कतनो झन आत्महत्या कर लेथे अइसन घिनौना काम ल नहीं करे के बात कहे गे हे फिल्म म।
गीत संगीत :
फिल्म के गीत संगीत पक्ष जोरदार हे पुरा फिल्म तक दर्शक ल बांध के रखे हे, येमे के गीतकार मोनिका वर्मा, राहुल डड़सेना हे संगीतकार तोषांत कुमार, मोनिका वर्मा अऊ गाय हे सुनील सोनी, मोनिका वर्मा हा। सुनील सोनी के गाय अधिकतर गीत मन लोकप्रिय होथे, फिल्म म कुल पांच गीत ये हे – ‘एक नजर मोला तै देख ले रानी मां कसम तोला मया हो जाही, हाले जिया के मोरे जिया के कैसे बतावव रानी वो, कोयली ले मिठा तोर बोली वो होगे हव बईहा दिवाना, गजरा वाली बेनी वाली रेंगय झूले झूल तै तो लागे वो सोन के पुतरी, अऊ मुख्य गीत जाने का का दिखत हवय मोला कोनो नई चिन्हावत हे मोला ये ददा रे’ हवे। कुल मिलाके आनंद हा कुछ अलग करेके कोशिश करे हे अऊ समाज बर जोरदार संदेश देहे हे, नितेश लहरी जेन सरपंच के किरदार करे हे काबिले तारीफ हे, फिल्म ल रायपुर शहर के टाकीज म दर्शक कम अऊ बिलासपुर भाटापारा जांजगीर-चांपा जैसे ग्रामीण छोटे शहर के टाकीज म लोगन ज्यादा पसंद करत हे कही कही तो हाऊस फूल भी होवत हे सिनेमा मन, संगी संगवारी मन एक बार जरूर देखव फिल्म ल, ये ददा रे के पुरा टीम ल जोहार बधाई हे शुभकामना हे सुपरहिट होय।