
एशिया के पहिला स्वचलित सायफन स्पिल-वे मुरूमसिल्ली बांध ह बनिस पर्यटन के केन्द्र
धमतरी। मुरूमसिल्ली जलाशय महानदी संकुल (काम्पलेक्स) के ए सबले पुराना महत्वपूर्ण जलाशय हे। मुरूमसिल्ली जलाशय महानदी के सहायक नदी सिलियारी नदी म धमतरी जिला मुख्यालय ले 28 किमी. दक्षिण म मुरूमसिल्ली गांव के पास बनाए गे हे। ए जलाशय म अतिरिक्त जल निकास बर अपन आप चलइया विशेष अउ अद्वितीय स्पिलवे साइफन सिस्टम के निर्माण करे गे, जेन ह ओ बेर के गहन अध्ययन अउ रूपांकन के सूझ-बूझ दर्शाथे। ए तरह के स्वचालित सायफन स्पिल-वे के निर्माण, एशिया के प्रथम निर्माण रिहीन। अइसे म आटोमेटिक स्पिल-वे सायफन के निर्माण एक विशिष्टता ले हुये हे। जेला सिविल इंजीनियरिंग के पुस्तक ’’ऑटोमेटिक स्पिलवे सायफन ऑफ मुरूमसिल्ली डैम डिजाईन इन टेक्सट बुक इन सिविल इंजीनियरिंग (इरीगेशन इंजीनियरिंग सायफन वियर्स एंड लॉक्स राईटर बाय सर्ज लेलीयाव्स्की) म अध्ययन बर उल्लेखित करे गिस हे।
अइसन तरह के ए स्पिल-वे भारत वर्ष म अद्वितीय हे। सायफन स्पिल-वे के रूपांकन घलो ओ बेरा के गहन अध्ययन अउ सूझ-बूझ ल दर्शाथे। बांध के बन जाए के संग विभिन्न सायफन चलाए के व्यवस्था करे गे हे। बता दन कि सायफन स्वतः ही चले बर लगथे। मुख्य सायफन के संग – संग बेवी सायफन घलो लगे हे, जइसन-जइसन जल स्तर बांध म बाढ़थे… वृहदस्तर बेवी सायफन चलना प्रारंभ हो जाथे। जल स्तर बढ़े म बेवी सायफन प्राइमिंग कर देथे अउ मुख्य सायफन चले बर लगथे। सन् 1978-79 म महानदी परियोजना अंतर्गत रविशंकर जलाशय के निर्माण के बाद मुरूमसिल्ली जलाशय के पूरक जलाशय के रूप म प्रयोग करे जाए लागिस।