लोगन ला कुपोषण ले बचाए खातिर लगावत हें पुटकल के पौधा, जानव कोन कॉलेज के छात्र मन करत हें अइसन बढ़िया काम
बिलासपुर. कोटा विकासखंड के ग्राम पंचायत पटैता के आश्रित ग्राम नेवसा म पुटकल के रोपणी शुरू करे गे हे। ये काम सीएमडी कॉलेज बिलासपुर के एनएसएस इकाई के स्वयंसेवक छात्र मन करत हें। बीते साल मन म छात्र मन नेवसा के सर्वे करिन, जेमा 30 फीसदी महिला अउ लइका मन ला कुपोषण के शिकार पाईन। इही बीच ओमन मन ला पुटकल के बारे म जानकारी मिलिस कि औषधीय गुण वाला पुटकल म भरपूर पोषक तत्व होथे। एकर बाद कॉलेज प्रशासन हा झारखंड अउ जशपुर ले पुटकल पौधा लाके अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्र मन म एकर रोपण के शुरुआत करिस, ताकि बच्चा अउ महिला मन ला कुपोषण ले बचाए जा सके। पुटकल के बाटनिकल नाम थाइकस वायरेस हे, ये हा थाइकस प्रजाति के मोरेसी वंशीय हे। ये हा 30 ले 32 मीटर ऊंचा होथे। नेवसा एनएसएस इकाई के गोद ग्राम ए। छात्र मन ये गांव के लोगन मन के घर के बाड़ी मन म पुटकल के रोपण के अभियान 5 जुलाई ले शुरू करे हें।
इकाई प्रमुख डॉ. पीएल चंद्राकर हा बताईन कि एनएसएस के स्वयंसेवक मन सर्वे म पाईन कि ग्राम म बेंदरा मन के संख्या म तीन गुना बढ़ोतरी हो चुके हे। बेंदरा मन के आतंक ले परेशान ग्रामीण मन हा एकर ले बांचे बर अपन बाड़ी के फलदार पेड़ मन ला धीरे-धीरे काटना शुरू कर दीन। सब्जी उगाए ले घलो परहेज करे लगिन। एकर कारण बाड़ी ले मिलने वाला पोषण आहार आर्थिक रूप ले कमजोर परिवार मन ला मिलना बंद हो गे।
पोषक तत्व मन से भरपूर हे पुटकल : पुटकल हा झारखंड के मूल पौधा आय। उरांव जनजाति के लोगन मन कई सदी ले ये पौधा के पाना मन ला अक्टूबर-नवंबर म सुखाके सब्जी, अचार म उपयोग करथें। केंद्र सरकार के रिसर्च सेंटर नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉरमेशन के मुताबिक 100 ग्राम पुटकल के साग-सब्जी म 100 ग्राम शुगरलेस कैलोरी होथे। एमा प्रोटीन प्रति 100 ग्राम म 18.7 मिलीग्राम, वसा 1.8 मिलीग्राम, कार्बोहाइड्रेट 58.4 मिलीग्राम सहित अन्य पदार्थ पाए जाथे।
उपचार म लाभदायक : एनएसएस के स्वयंसेवक मन पुटकल के प्रयोग नेवसा म कुपोषण मिटाए बर करत हें। एकर अलावा ये हा जैव विविधता तंत्र के संरक्षण, सौंदर्यीकरण अउ हरियाली लाए के दृष्टि ले भी फायदेमंद हे। स्वास्थ्य बर उपयोगी होए के साथ-साथ पुटकल के आर्थिक अउ औषधीय लाभ भी हे। एकर ले उल्टी, दस्त, पीलिया के बीमारी के इलाज करे जाथे। एकर ले बने अचार अउ सब्जी ला होटल मन म बेचे जाथे। बड़े बात ये हरे कि एकर वृक्ष के रखवाली करे के जरूरत नई होय।