बरसात के दिन म छत्तीसगढ़ के स्पेशल साग सब्जी
गनेश्वर पटेल, ग्राम पोटियाडिह, जिला धमतरी
आज मेंहा बरसात के दिन म होवईया स्पेसल सब्जी के बारे म गोठ बात करहूँ। जेन ह सपुरा बरसा त भर स्पेसल रहिथे। बरसात के दिन बादर ह आगे हे। अब बाजार हाट म हमन ल नवा नवा सब्जी देखे ल मिलही। ओमन म मेंहा कुछ स्पेसल सब्जी मनके वर्नन करहूं जेन ह सपुरा बरसा त भर स्पेसल रहिथे। अड़बड़ झन ए सब्जी मन ल खाये बर अड़बड़ उत्साहित मन ले बरसात के मउसम के अगोरा करत रहिथे। ए सब्जी मन के वरनन कुछ अइसन हे:-
फुटू
हमर छत्तीसगढ़ ह वन बाहुल्य राज्य आए, बरसात के दिन म एक घांव बारिस अऊ जमीन, जुन्ना पेड़ मन म आने आने प्रकार के मशरूम उगथे, जेला हमन अपन स्थानीय भाखा म फुटू कहिथन।एला हमन भोज्य पदार्थ के रूप म सेवन करथन। फूटू ह आने आने प्रकार के होथे ,माने जाथे कि रूख म होवईया फुटु मन ह बेसुवाद अऊ जहरिला होथे। एला खाये बर उपयोग नई करे जाए।
भिन्या (जमीन) म होवईया फूटु ह तको आने आने प्रकार के होथे। जईसे डेंगुर फुटू ,पान फूटु, हारादुला फूटु आदि। डें गुर फुटु जेन ह दिंयार के बाम्बी के तीर तखार म उगथें,ओहा अड़बड़ सर्वश्रेष्ठ माने जाथे। खेत म उगने वाला फुटू ल मनई फुटु केहे जाथे।
बाँस के करिल
बरसात के दिन म बाँस के अंकुरण ह जबर पईमाना म होथे। हमर छत्तीसगढ़ के स्थानिय मनखे मन ए बेरा म भोजन के रूप म खाथे। बाँस के करिल ह नवा अंकुरित होवत बाँस के पातर पातर डनठल ल नान्हे नान्हे चिप् स असन काट के बनाये जाने वाला सब्जी हरे, स्थानिय भाखा म एला बास्ता तको केहे जाथे।एला रसहा अऊ सुख्खा साग असन पकाए जाथे।एला दार अऊ आने आने सब्जी सन मिलाके तको पकाये जाथे। एहा हम छत्तीसगढ़िया मन के अड़बड़ प्रिय भोजन आए।
बस्तर के प्रोटिन बोढ़ा
बोढ़ा ह आलू असन दिखे जाने वाला एक प्रकार के कांदा आए।जेन ह सरई पेड़ के जंगल म बरसात के मौसम म उगथे । पहिली बरसात के तुरंत बाद एहा अपने आप जमीन के भीतरी ले उपजेला लगथे।
बोढ़ा के उप्पर के छिलका ह थोरकुन कड़ा रहिथे। जेकर भीतरी म अड़बड़ स्वादिस्ट अऊ अऊ पौष्टिक गुदा रहिथे।एला पहिली आदिवासि अऊ स्थानिय मनखे मन ह खात रिहिसे।अब एहा शहर मन म तको बिकेला लग गे हे। जेकर ले एकर किमत ह बाढ़ गे हे।
बोढ़ा के प्रकार
बोढ़ा ह दू प्रकार के होथे
- जात बोढ़ा :- पहिली बरसात के बाद उगने वाला बोढ़ा,जेकर गुड़ा ह सफेद होथे,ओला जात बोढ़ा कहिथे।एहा अड़बड़ स्वादिस्ट होथे।
- राखड़ी बोढ़ा:- एकर बाद कुछ समय बाद जेन बोढ़ा ह ऊगथे ओकर गूदा ह थोरकुन करिया रंग के होथे।ओला राखडी बोढ़ा कहिथे।एहा ओतिक सवादिस्ट नई राहय। ऐला रसा अऊ सुखा सब्जी असन पकाए जाथे।