मुख्यमंत्री ने उत्कल समाज की बहुलता वाले जिलों में ऋषि पंचमी-नुआखाई के दिन की अवकाश की घोषणा
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के गॉस मेमोरियल मैदान में महापर्व नुआखाई के अवसर पर उत्कल गाड़ा समाज द्वारा आयोजित भव्य शोभा यात्रा के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए ऋषि पंचमी-नुआखाई के दिन उत्कल समाज की बहुलता वाले जिलों में अवकाश की घोषणा की। उन्होंने समाज की मांग पर उत्कल समाज को राजधानी रायपुर में सामाजिक भवन के लिए जमीन उपलब्ध कराने और बूढ़ी मां मंदिर के जीर्णोद्धार की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने समाज को यह भी आश्वस्त किया कि उत्कल गाड़ा समाज के विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने में आ रही दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, श्री मोतीलाल साहू, उत्कल समाज के संत श्री उदयनाथ महाराज और श्री गगन बिहारी महाराज, रायपुर नगर निगम महापौर श्री एजाज ढेबर सहित उत्कल गाड़ा समाज के पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने उत्कल गाड़ा समाज को नुआखाई की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि नुआखाई के पांच दिन पहले ही समाज द्वारा भव्य शोभा यात्रा का आयोजन नुआखाई को लेकर उनके उत्साह और समाज की एकजुटता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि समाज की उन्नति के लिए यह आवश्यक है कि समाज बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दें। अपने बेटा-बेटियों को पढ़ाएं। युवा पीढ़ी नशा-पान की सामाजिक बुराई से दूर रहे। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वस्त किया कि समाज की उचित मांगों को पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओड़िशा हमारा पड़ोसी राज्य है। ओड़िशा के साथ छत्तीसगढ़ का गहरा नाता है। ओड़िशा के साथ हमारा गहरे सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। नुआखाई उत्कल समाज का प्रमुख त्यौहार है, तो छत्तीसगढ़ में भी नुआखाई का बड़ा महत्व है। आदिवासी समाज भी नई फसल आने पर नुआखाई का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाता है। नुआखाई पर नई फसल घर ले जाकर पूजा-अर्चना की जाती है। इससे चावल और चुड़ा बनाकर अपने ईष्ट देव को अर्पित कर अच्छी फसल, सुख-समृद्धि और सुखमय जीवन की कामना करते हैं।
मुख्यमंत्री ने पिछले आठ महीनों में नई सरकार द्वारा मोदी जी की गारंटी को पूरा करने के लिए किए गए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब भी प्रदेश के दौरे पर जाते हैं,