बारिश म घर के बरामदा लगत हे इहां के स्कूल
कवर्धा। जिला के वनांचल क्षेत्र के एक गांव म आज घलो स्कूली लइका मन झोपड़ी म पढ़े बर मजबूर हे। जिहां बांस के दीवार अउ घास फूस के छत हे। जेकर नीचे तमाम अभाव मन के बीच म 32 बैगा लइका भविष्य गढ़े के कोशिश करत हे । उहें बारिश होय ले जमीन ह कीचड़ ले सना जात हे ,अइसे बेरा म मोहन बैगा के घर के बरामदा म स्कूल के संचालन करे जात हे।
पंड़रिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत कांदावानी के आश्रित ग्राम बांसाटोला अउ अर्जुनटोला म लगभग 250 बैगा आदिवासी परिवार मन रहत हे, इही परिवार मन के 32 लइका बांसाटोला म स्थित प्राथमिक शाला म पढ़े बर जात हे। इहां एक ठन झोपड़ी ल स्कूल के नाम दे गे हे। हकीकत म स्कूल जइसे कोनो सुविधा इहां मवजूद नइए। बांसाटोला के ये स्कूल के दीवार बांस के अउ घास-फूस ल छा के छप्पर बनाए हे। येकरे नीचे बैगा लइका मन पढ़त हवय।
सुविधा के नाम म एक झन शिक्षक
ये स्कूल मे लइका मन ल पढ़ाय बर शिक्षा विभाग ह एक झन शिक्षक ल नियुक्त कर देहे। येकर अलावा ये लइका मन ल कोनो मूलभूत सुविधा न मिले हे।
बरसात म मोहन के घर म स्कूल
लिका मन अपन भविष्य ल गढ़े बर स्कूल तो पहुंचत हे, लेकिन बेभाग ल जे सुविधा मन ल मुहैया कराना चाही वो इहां नइए। जे ह चिंता के बात हे। गरमी अउ ठंड़ के बेरा म जइसे- तइसे बांसनुमा झोपड़ी म बइठ के पढ़ाई कर लेवत हे, लेकिन सबले जादा परेसानी बरसात के बेरा म होथे। बारिस होय ले जमीन कीचड़ ले सना जाथे अइसे म मोहन बैगा के घर के बरामदा म स्कूल ल लगाय जाथे।
स्कूल बनाय बर कोनो के रूचि नइए
ग्रामीन मन ह बताइन के गांव म स्कूल भवन निरमान के कार्य करे जात हे, लेकिन येला अधूरा छोड़ दे गेहे। येकर बर न पंचायत धियान देवत हे अउ न प्रसासन। जेकर खामियाजा लइका मन ल भुगते बर पड़त हे।अधूरा भवन ल पूरा करे बर बचे कार्य ल करे जाय त येकर लाभ भविस्य म लइका मन ल मिल सकत हे।
लइका मन उपर मंडरात हे खतरा
बांस के दीवार अउ घास -फूस के छत के भरोसा म स्कूल लगाय जात हे। जेकर सेती स्कूल म खतरा मंडराक रहिथे। जंगल इलाका होय के कारण हिंसक जानवर मन के आय के डर बन रहिथे । बांस के दीवार होय के कारण कोनो मजबूती घलो नइए। अइसे म काफी देक्कत मन के सामना करे बर पड़ थे।