हाईकोर्ट के बड़ा फईसला.. दूसरी पत्नी के संतान ह घलोक होही अनुकंपा नियुक्ति के हकदार
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ह एक याचिका म फईसला सुनात कहिन हे कि व्यक्ति के दूसरी पत्नी के संतान ह घलोक अनुकंपा नियुक्ति के हकदार हे। कोर्ट के कहिना हे कि दूसरी शादी अवैध हे, फेर बच्चा ल अवैध नई कहे जा सकय बच्चा ह वैध होथे।
दरअसल बिलासपुर के आरटीएस कॉलोनी म रहईया ऋचा लामा के पिता स्व. गणेश लामा एसईसीआर म कार्यरत रहिस। सेवा के दउरान 17 जनवरी 2015 के उंखर मउत हो गे। ऋचा ह विभाग म अनुकंपा नियुक्ति बर आवेदन करिस, फेर एला 4 अप्रैल 2017 के ये आधार म निरस्त कर दिस कि वो ह मृतक के दूसरी पत्नी के बेटी हे। ये कारण ले वो ह अनुकंपा नियुक्ति के हकदार नई हे।
न्यायालय ह ये मामला म रेलवे के अपील खारिज कर दे हे अउ दूसरी पत्नी के संतान ल 45 दिन म अनुकंपा नियुक्ति दे बर निरदेश जारी करे हे। एसईसीआर बिलासपुर के याचिका म चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन अउ जस्टिस संजय अग्रवाल के बेंच ह फईसला सुनात कहिन हे कि मृत रेलवे कर्मचारी के दूसरी पत्नी ले होए बच्चा ल घलोक रेलवे म अनुकंपा नियुक्ति पाए के अधिकार हे । केंद्र सरकार अउ रेलवे ह केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के फईसला ल हाईकोर्ट म चुनौती दे रिहिस।
रेलवे के ओर ले 2 जनवरी 1992 म जारी सर्कुलर के हवाला देवत कहे रिहिस कि दूसरी पत्नी के बेटी होए के आधार पर वो ह अनुकंपा नियुक्ति के हकदार नई हे। अधिकरण के आदेश गलत हे, लिहाजा ऐला निरस्त करे जाए।