बिना गुरूजी कईसे मिलही शिक्षा
प्रदेस म कई सरकारी प्राथमिक शाला हे जिहां शिक्षक मन के बड़का कमीं हे अऊ कई तीरन त एको शिक्षक नई हे। हमर शिक्षा बेवस्था के हाल कईसे हे ए बात ले पता चल जाथे कि पांच हजार ले जादा स्कूल म सिरिफ एक-एक शिक्षक अपन सेवा देवत हे। अब जब अईसन हाल हे त शिक्षा बेवस्था के का हाल होही समझे जा सकत हे। का ए स्कूल म अच्छा शिक्षा लईका मन ल मिल पाही..? गांवेच नहीं इहां कई इलाका के शहरी स्कूल मन म घलो इही हालत हे। रायपुर के 27 स्कूल अऊ दूसर बड़का शहर बिलासपुर के 109 स्कूल ह घलो एक-एक शिक्षक के भरोसा चलत हे।
शिक्षा सत्र शुरू होवईया हे त अब विभाग ह ए समस्या के निदान बर जम्मो संभाग के संयुक्त संचालक मन ल निरदेस दे हावय कि ए विसंगति दूर करे जाए। ए समस्या के दूसर कारण युवा शिक्षक मन के शहर कोती के मोह घलो हे। एक कोती जिहां ग्रामीण क्षेत्र म शिक्षक मन के बड़का कमीं हे त उहें शहरी क्षेत्र के कई स्कूल म अतिरिक्त शिक्षक घलो हे। प्रदेश के बस्तर संभाग म 1538 अईसे प्राथमिक स्कूल हे जिहां एक शिक्षक मन के भरोसा एक-एक स्कूल चलत हे। 177 अईसे स्कूल घलो हे जिहां एको शिक्षक नई हे। बस्तर संभाग के जम्मो जिला म शिक्षक मन के कमीं हे। इहां शिक्षा के स्तर अईसन नई हे कि योग्य शिक्षक स्थानीय स्तर म आसानी ले मिल जाए। दूसर शहर ले आके नौकरी करे के इच्छा रखईया शिक्षक इहां आए म रूचि घलो नई लेवत हे।
राज्य सरकार ह 33 हजार शिक्षक मन के भरती बर स्वीकृति त दे दे हे। फेर प्रक्रिया कब पूरही एमा प्रश्नचिन्ह लगे हे। नवा शिक्षा सत्र ल शुरू होए म बस थोड़किन दिन बांचे हे। अईसे म लईका मन के भविष्य संग खिलवाड़ के आशंका घलो बने हुए हे। एक कोती जिहां प्राथमिक स्कूल म शिक्षक नई हे त दूसर कोती माध्यमिक अऊ हाईस्कूल म घलो शिक्षक मन के कमीं बने हुए हे। एकर चलत कई जिला शिक्षा म पिछड़त हे। शाला प्रवेशोत्सव के शोर म शिक्षक मन के कमीं के मुद्दा ह गंवा मत जाए एकर जिम्मेदारी जिम्मेदार मन उपर हे। एकर मन के दायित्व हे कि तुरते एक समस्या के समाधान निकालना चाही।