Jayjohar
Whatsapp Facebook Twitter Youtube
Jayjohar

Type and hit Enter to search

  • होम
  • खबर छत्तीसगढ़
  • नवा छत्तीसगढ़
  • राजनीति
  • छॉलीवुड समाचार
  • हमर रचनाकार
  • एक्सक्लूजिव
  • Youtube Video
    • जोहार पहुना
    • जोहार सितारा
    • जोहार सिनेमा
    • गाना जोहार
    • फिलिम जोहार
    • काव्य जोहार
    • जोहार बिसेस
    • जोहार संस्कृति
  • LIVE
shyama prasad mukherjee
हमर रचनाकार

23 जून पुण्यतिथि पर विशेष : देश की अखंडता के लिए आजीवन लड़ते रहे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

www.jayjohar.com
www.jayjohar.com
June 22, 2025 5 Mins Read
27 Views
0 Comments

एक निशान एक संविधान और एक प्रधान का नारा डॉ. मुखर्जी ने दिया

  •  छगन लोन्हारे, उप संचालक

रायपुर. लम्हों ने खता की और सदियों ने सजा पाई ऐसे में बरबस डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पुण्य स्मरण हो जाता है जिन्होंने कश्मीर को भारत का अखंड अंग बनाने की पुरजोर वकालत की थी और उसके लिए अपने प्राणों का शेख अब्दुला की जेल में उत्सर्ग कर दिया। डॉ. श्यामा प्रसाद का बलिदान आज इतिहास के पन्नों पर दर्ज है। जम्मू-कश्मीर जो भारत का मुकुट और दुनिया की जन्नत रही है आज उग्रवाद आतंकवाद के कारण लहुलुहान है। डॉ. मुखर्जी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने यह कल्पना की थी कि विभाजन की पीड़ा नासूर बनेगी फिर तुष्टिकरण की नीति का अंत नहीं होगा। एक निशान एक संविधान और एक प्रधानमंत्री का नारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया। भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते थे। यह जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता था। जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 और 35ए द्वारा दिए गए विशेष दर्जे को हटाने के लिए भारतीय संसद ने 5 अगस्त, 2019 को मंजूरी दी।

राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के शिल्पी डॉ. मुखर्जी की अनन्य राष्ट्र भक्ति की गौरव गाथा ऐतिहासिक है। उनकी जिद के कारण पाकिस्तान के रूप में संपूर्ण पंजाब और बंगाल तश्तरी में भेंट नहीं किया जा सका। लेकिन जम्मू कश्मीर को दोहरे मापदण्डों में लाकर भारत और उसके मुकुट प्रदेश को लहुलुहान होने को छोड़ दिया नतीजा आज हमारे सामने है। वे जीवन पर्यन्त जम्मू कश्मीर भारत विलय और अखंडता के लिए संघर्ष करते रहे। भारत के मुकुट प्रदेश जम्मू कश्मीर के मर्म को डॉ. मुखर्जी ने देश की आजादी के दौरान ही समझ लिया था। राष्ट्रीय एकता अखंडता के प्रतीक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई सन 1901 को कलकत्ता के आशुतोष मुखर्जी के यहां हुआ था। भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने शुरू से ही अनुच्छेद 370 का विरोध किया। उन्होंने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने कहा था कि इससे भारत छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट रहा है। मुखर्जी ने इस कानून के खिलाफ भूख हड़ताल की थी। वो जब इसके खिलाफ आन्दोलन करने के लिए जम्मू-कश्मीर गए तो उन्हें वहां घुसने नहीं दिया गया। वे गिरफ्तार कर लिए गए थे। 23 जून 1953 को हिरासत के दौरान ही उनकी रहस्यमय ढंग से मृत्यु हो गई।

डॉ. श्यामा प्रसाद में बचपन से ही निडरता आज्ञापालन शिक्षण के प्रति गहन रूचि और विलक्षण स्मरण शक्ति देखी जा सकती थी। कई बार अपने स्कूल के गरीब विद्यार्थियों को वे अपनी पुस्तक दे देते थे यह कहकर मुझे सब पाठ याद है। उनका शांत शालीन स्वभाव और कक्षा में प्रथम आने के कारण सभी शिक्षक उन्हें चाहते थे। भवानीपुर इंस्टीट्यूट में उन्होंने शिक्षा ग्रहण की और सन 1917 में प्रथम श्रेणी में मेट्रिक पास हुए। प्रेसीडेंसी कॉलेज में प्रवेश लेकर सेन 1921 में बी ए की पदवी प्राप्त की।

उन्होंने वर्ष 1923 में बांग्ला में एम ए की उपाधि ली और फिर लॉ की भी डिग्री हासिल की। वर्ष 1926 में वे इंग्लैण्ड से बैरिस्टर होकर स्वदेश लौटे। उनकी विद्वता के लिए इतना कहना पर्याप्त होगा कि वे 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्व विद्यालय के उप कुलपति पद से सम्मानित किए गए। डॉ. मुखर्जी सन 1942 में बंगाल प्रांत के हक मंत्रीमंडल से इस्तीफा देकर स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में कूद पड़े। ब्रिटिश सरकार ने जब भारत के विभाजन पर प्रस्ताव किया और कांग्रेस ने लीग के उग्रवादी तेवरों के सामने घुटने टेक कर बंगाल और पंजाब प्रदेश पाकिस्तान के रूप में भेंट करने में रजामंदी दिखाई तो डॉ. मुखर्जी ने इसका प्रबल विरोध किया। महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनुरोध पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी आजाद भारत के पहले केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनने सहमत हो गए। उन्होंने भारी उद्योग मंत्रालय संभाला और चिंतरंजन लोकोमोटिव के निर्माण की आधार शिला रखी लेकिन सरदार पटेल के अवसान के पूर्व तत्कालीन सरकार की तुष्टिकरण नीतियों के कारण मतभेद गहरा हो गया और उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रवादी प्रखर चिंतन की नई दिशा को सार्थक दिशा दी। डॉ. मुखर्जी के उस भाषण पर गौर किए जाने की आवश्यकता है जो उन्होंने 26 जून सन 1952 को संसद में दिया था उन्होंने कहा था जब भारत आजाद है और जम्मू कश्मीर का उसमें संवैधानिक विलय हो चुका है तो जम्मू कश्मीर के जनमानस को वही अधिकार क्यों नहीं जो सारे भारत के नागरिक को दिए गए हैं। एक निशान एक संविधान और एक प्रधानमंत्री का नारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया।

उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर के लिए विशेष धारा 370 स्थायी रूप से नहीं रह सकती है क्योंकि स्थायी होने पर वह क्षेत्रीय अखंडता में बाधक होगी परंतु डॉ. मुखर्जी की दूरदर्शिता लोगों को रास नहीं आयी। डॉ. मुखर्जी मई 1953 को जम्मू कश्मीर में दोहरी राजनैतिक व्यवस्था संवैधानिक विसंगति को दूर करने निकल पड़े। तब जम्मू कश्मीर में प्रवेश के लिए परमिट लेना अनिवार्य था। जनसंघ और उसके संस्थापक डॉ. मुखर्जी को यह बर्दाश्त नहीं था। डॉ. मुखर्जी की बिना परमिट जम्मू कश्मीर यात्रा को समझने तत्कालीन विसंगतियां समझी जा सकती है।

जम्मू कश्मीर में प्रजा परिषद के आंदोलन को गति देने और दोहरी व्यवस्था समाप्त करने की खातिर डॉ मुखर्जी ने अपनी यात्रा को दृढ़तापूर्वक जारी रखा उन्हें पंजाब सीमा पर गिरफ्तार नहीं किया गया। जम्मू जाने दिया गया और माधोपुर पर रावी नदी का पुल पार करते ही डॉ. मुखर्जी को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर श्रीनगर में निरुद्ध कर लिया। यदि उन्हें पंजाब सीमा पर बंदी बनाया जाता हो उन्हें मुक्त कराने के लिए जनता द्वारा आवाज उठायी जा सकती थी दोहरी शासन व्यवस्था के कारण जम्मू कश्मीर में गिरफ्तार कर लिया गया। राष्ट्रवादी चिंतक, विचारक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ किया गया यह सलूक एक अनकही दुखद कहानी है। इस षड़यंत्र में ही डॉ. श्यामा प्रसाद का प्राणांत श्रीनगर जेल में हो गया। आगरा में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी और जनरल परवेज मुशर्रफ के बीच हुई वार्ताओं में दोनों देशों के बीच अमन चैन एवं सहयोग बढ़ाने के साथ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी रहा है। ऐसे में बरबस डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पुण्य स्मरण हो जाता है जिन्होंने जम्मू कश्मीर के इस मर्म को पहले ही समझ लिया था और जीवन पर्यन्त जम्मू कश्मीर का भारत विलय एवं अखंडता के लिए संघर्ष किया। डॉ. मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर की धरती पर जिस तरह अंतिम सांस ली वह उनकी अनन्य राष्ट्रभक्ति की गौरवगाथा का इतिहास बन चुकी है। डॉ. मुखर्जी का अवदान ऐतिहासिक है उन्होंने जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने के लिए जो संघर्ष किया। उसकी देन है कि हम अपने समग्र भूगोल को संजोए हुए हैं।

Tags:

Chhattisgarhchhattisgarh newsraipur newsstate news

Share Article

Other Articles

Vishnudeo sai cm in chhattisgarh 1
Previous

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर किया नमन

bjp shyama prasad
Next

बलिदान दिवस पर डॉ. मुखर्जी को दी गई श्रद्दांजलि

Next
bjp shyama prasad
June 23, 2025

बलिदान दिवस पर डॉ. मुखर्जी को दी गई श्रद्दांजलि

Previous
June 22, 2025

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर किया नमन

Vishnudeo sai cm in chhattisgarh 1

No Comment! Be the first one.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

Lakhpati didi

रायपुर : राष्ट्रीय स्तर की ‘लखपति महिला पहल’ क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन 9 से 11 जुलाई तक राजधानी रायपुर में

www.jayjohar.com
July 8, 2025
nano dap

 नैनो डीएपी किसानों के लिए डीएपी उर्वरक बेहतर विकल्प

www.jayjohar.com
July 8, 2025
talab2

 ’मोर गांव, मोर पानी‘ महाभियान से जल संरक्षण को मिली नई दिशा

www.jayjohar.com
July 8, 2025
Green Minimalist Agriculture Presentation

कृषि विभाग द्वारा नवीन ‘कृषि उन्नति योजना‘ के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश जारी

www.jayjohar.com
July 8, 2025

Follow Us

Whatsapp Facebook Twitter Youtube

Om Prakash Chandrakar
Kushalpur
Raipur Chhattishgarh
email: jayjohar2017@gmail.com

Category

  • छॉलीवुड समाचार
  • हमर रचनाकार
  • सियासत
  • नवा छत्तीसगढ़
Jayjohar
© Copyright 2023, All Rights Reserved | Jay Johar Media | जय जोहार मीडिया.
  • होम
  • हमर छत्तीसगढ़
  • एक्सक्लूजिव
  • राजनीति
  • छॉलीवुड
  • लाइव
  • हमर रचनाकार
  • जय जोहार चैनल | जोहार पहुना कार्यक्रम
  • जय जोहार चैनल | जोहार सितारा कार्यक्रम
  • जय जोहार चैनल | जोहार सिनेमा कार्यक्रम
  • जय जोहार चैनल | जोहार बिसेस कार्यक्रम
  • poem
  • जय जोहार चैनल | गाना जोहार कार्यक्रम
  • LIVE:भरोसे का सम्मलेन (ठेकवा, राजनांदगांव)
  • जय जोहार चैनल | फिलिम जोहार कार्यक्रम
  • जय जोहार चैनल | काव्य जोहार कार्यक्रम
  • जय जोहार चैनल | जोहार संस्कृति कार्यक्रम
  • जय जोहार | Jay Johar – हमर माटी हमर भाखा | छत्तीसगढ़ी समाचार