ये हाल हे बस्तर के नक्सली क्षेत्र म शिक्षा बेवस्था के….
जगदलपुर । दक्षिण बस्तर के नक्सली प्रभावित संवेदनशील क्षेत्र कुंआकोंडा विकासखण्ड के नहाड़ी ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम मुलेर के स्कूल नवां सत्र म कहां लगही शिक्षा विभाग ह अब तक ले तय नइ करे हे। मुलेर स्थित प्राथमिक शाला के कोनो भवन नइए। स्कूल के नाम म महज मध्यान्ह भोजन चलत हे, जेला रसोइया ह अपन घर ले संचालित करत हे, लेकिन ये घलोक महीना भर कभु नइ चलय।
ये गांव के लइका मन पढऩा त चाहत हे, पर स्कूल के अबेवस्था, शिक्षक मन के कमी के चलत लइका मन आधा-अधूरा पढ़ाई छोड़ के गुम हो जाथे। ग्रामीन मन ह बताइन कि गांव म 80 परिवार हे। अतका परिवार के करीबन 20 लइका के स्कूल म प्रवेश होना ह, लेकिन अब तक ये घलो नइ मालूम के गांव के स्कूल कहां हे अउ कब लइरा मन के दाखिला होही। ये बरस के पास होवइया 23 लइका मन ल जोड़ देवन त कुल 43 हो जात हे।
गांव म स्कूल के नाम म एक शेड बने हे, जिहा झाड़ियां उग आय हे। ये प्राथमिक शाला म एक शिक्षक पदस्थ हे, जे ह पहिली ल लेके पांचवीं तक के लइका मन ल पढ़ात हे। ये स्कूल म पीछु के बछर म 26 लइका दर्ज हे, ये साल येमा ले 3 छठवीं म चले गेहे, शेष 23 मन दूसरी ले पांचवीं तक पहुंच गेहे। सबो झन ह 10 किमी दूर नहाड़ी जाके परीक्षा दीस। गांव के भीमा, देवा, गंगा, लखमे, रमेश के कहिना हे कि इहां के स्कूल के संचालन सुचारू रूप ले करे बर गांव म शिक्षा विभाग के कोनो अधिकारी मउवका म नइ पहुंचे हे।
जिला शिक्षा अधिकारी डी सोमैया ह बताइन कि मुलेर स्कूल भवन बनाय बर कोनो निर्मान एजेंसी तइयार नइए। नवा सत्र म देखत हन कि इहां कतना लइका आवत हे, येकर हिसाब ले ये लइका मन ल पोटा केबिन या आश्रम म सिफ्ट करे जाही। बताना जरूरी हे के पीछु बछर म घलो कहे रिहिन हे कि ये स्कूल ल कउनो समीप के स्कूल म मर्ज कर दे जाही, जे ह अब तक नइ करे गेस हे।