गढ़बो नवा छत्तीसगढ़: एक गांव जिहां के अब बदल गे तस्वीर.. जल संरक्षण के दिशा म ग्रामीण मन के बड़े पहल..
जय जोहार. छत्तीसगढ़ के कोरबा ले करीब 70 किलोमीटर दूर एक ठन गांव हे। ओ गांव जिहां गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के सपना ल मूर्त दे के कोशिश ग्रामीण मन करिस अऊ आज उहां के तस्वीर दूसर गांव मन बर एक आदर्श बन गे हे। गांव ले दूर-दूर तक फैले हरियाली ह इहां ले गुजरईया मनखे मन के दिल म बस जाथे। भरे दुपहर गांव म अमली अऊ बरगद के पेड़ के नीचे लईका मन के टोली खेलत-कूदत हे। कोनों कोसम अऊ जामुन ले लदे पेड़ म चढ़के फल तोड़त हे त मुंदरहा गांव के तलाब म नहा धो के ग्रामीण दोपहर म चैन के जिनगी गुजारत हे। फेर ए गांव कुछ साल पहिली तक अईसन नई रिहिस पहिली इहां समस्या के अंबार रिहिस। आखिर ऐ बेरा म अईसे का होईस कि ए गांव के तकदीर अऊ तस्वीर ह बदल गे। पढ़व पूरा खबर……
ऐ गांव के नाव हे चिर्रा… जिहां के दोपहरी ह सूकून म गुजरत हे। एखर पाछू ऐ गांव वाला मन के मेहनत के कहानी छुपे हे। आज ले कुछ साल पहिली चिर्रा गांव म पानी के विकरात समस्या रिहिस। सिंचाई के साधन त दूर पीए अऊ निस्तारी बर पानी के कमी रिहिस। इहां के किसान मानसून म निर्भर रिहिन। पानी गिरे त खेती होए अऊ नई गिरे त आए साल आकाल.. गर्मी के दिन म तो अऊ बिकराल समस्या रिहिस। इहां के बोर अऊ हैंडपंप ले पानी निकलना बंद हो जाए त कुआं ह सूख जात रिहिस।
अईसन हालात म ग्रामीण मन अपन हाथ ले बांधीमुड़ा तालाब के निर्माण करिन जे अब गर्मी के दिन म घलो लबालब भरे रहिथे। इही नहीं पानी मिले ले ग्रामीण मन के निस्तारी के समस्या त दूर हो गे फेर पास म बने नरवा, गरुआ, घुरुआ बारी विकास योजना के अंतर्गत बने गौठान म गाय मन के पानी के समस्या ल घलो दूर करत हे। संगे-संग आसपास के खेत म खरीफ फसल के अलावा रबी फसल बर पानी घलो इही तालाब के दम म होवत हे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ए पहल अईसने जम्मो प्रदेश के नरवा अऊ तालाब मन के संवर्धन अऊ सरंक्षण के अभियान चलाए जात हे। कहे जाथे न कि बूंद-बूंद ले घड़ा भरथे अऊ छत्तीसगढ़ म तालाब के संरक्षण के रीत ह सदियों पुराना हे। इही राह म चलके चर्रा जईसे कई गांव न केवल अपन निस्तारी अऊ पेयजल जईसे समस्या ले निपटत हे बल्कि गांव वाला मन के संगे-संग पशु मन बर घलो सूकून के वातावरण बनात हे।
गांव म रहवईया रमेश कुमार अऊ कमलेश यादव जुन्ना बेरा ल याद करत बताईन कि गांव ले दू किलोमीटर दूर देबारी नाला म पहाड़ ले साल भर पानी पानी आवत रहिस। फेर गर्मी के दउरान नरवा म पानी के स्तर कम हो जात रिहिस। कई बेरा म सूखा घलो जाए। ओ बेरा म नाला के पानी के संग्रहण नई होए ले गर्मी के दिन म पानी बर जूझे ले पड़े। अईसे म गांव के किसान समय लाल, गिरीश राठिया, शिरोमणी मंझुवारश्याम लाल, धरम सिंह अशोक संग अन्य कई ग्रामीण मन ह जल संग्रहण के दिशा म आगू आईस। ऐ बूता म गांव के महिला मन घलो योगदान दिन। जम्मो मिरजुर के देबीरा नाला ले नहरनुमा रास्ता तैयार करिन अऊ मिट्टी काटके गांव के कुछ दूर म तालाब के निर्माण करिन। अब ऐ मेहनत के फल सबके सामने हे। आज तालाब बारो महीना लबालब भरे रहिथे।
गांव के अजय चौहान ह बताईन कि गर्मी के मौसम म ए तालाब ले 200 ले ज्यादा ग्रामीण मन के निस्तारी होथे। गांव के मवेशी मन बर घलो तालाब ले पानी आथे। कमलेश ह बताईन कि बांधीमुड़ा तालाब ल ऐ तरीके ले तैयार करे गे हे कि पानी जब भर जाए त किनारा ले जादा पानी ह बह जाए। तरिया के बन जाए ले आसपास कुंआ अऊ हैंडपंप म घलो पानी के स्तर ह बाढ़ गे हे।