एक सप्ताह में जीएसटी विभाग ने कार्रवाई कर 8 करोड़ रुपए का टैक्स कराया जमा, अवैध गुटखा फैक्ट्री में जीएसटी विभाग की दबिश
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि टैक्स चोरी करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी और टैक्स चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसी कड़ी में वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी के निर्देश पर टैक्स चोरी करने वालों पर निरंतर कार्रवाई जारी है। जीएसटी विभाग के आईटी टूल्स द्वारा ई वे बिल जांच दल द्वारा निरंतर इसकी ट्रैकिंग की जा रही है। स्टेट जीएसटी की टीम कर चोरी पर निरंतर नजर रखे हुए है और लगातार इस संबंध में कार्रवाई हो रही है। इसका अच्छा परिणाम सामने आ रहा है। केवल एक सप्ताह के भीतर ही जीएसटी विभाग ने कार्रवाई कर 8 करोड़ रुपए टैक्स जमा कराये हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य जीएसटी के ई वे बिल जांच दल ने दिनांक 1 मार्च को चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध वाहन का पीछा कर दुर्ग जिले के चंद्रखुरी मे संचालित अघोषित गुटखा फैक्ट्री में कार्रवाई की । इससे पहले संदिग्ध वाहन चालक ने जीएसटी जांच दल को चकमा देने की पूरी कोशिश की और पहचान छिपाने के लिए पैकिंग मटेरियल को जला दिया , हालांकि जांच दल के सदस्य फिर भी गुटखा फैक्ट्री तक पंहुच ही गए ।
अवैध गुटका फैक्ट्री मे बड़ी मात्रा में प्रतिष्ठित ब्रांड गुटखा कंपनियों के रैपर तथा गुटखे का कच्चा माल, सुपारी तंबाखू आदि बरामद गया है । फैक्ट्री में अवैध गुटका बनाने में इस्तेमाल की जा रही मिक्सर मशीन भी मिली है। यह फैक्ट्री कोमल फूड्स के नाम से संचालित थी । जीएसटी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इसी व्यवसायी के राजनांदगाँव स्थित फैक्ट्री को भी जांच के दायरे मे लिया गया है । यहाँ भी गुटखा निर्माण करने के साक्ष्य मिले हैं।
गौरतलब है की वित्त एवं जीएसटी मंत्री ओपी चौधरी ने मोदी की गारंटी के अंतर्गत विकसित छत्तीसगढ़ बनाने और अगले पांच वर्षों में राज्य की जीडीपी को 10 लाख करोड़ रुपए पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। गुटखा पान मसाला और तंबाखू उत्पादों पर जीएसटी का स्लैब सर्वाधिक है। टैक्स के अतिरिक्त इन पर सैस भी लगता है , इसलिए इनमे कर चोरी की आशंका भी अधिक रहती है । स्टेट जीएसटी की टीम लगातार इस तरह के मामलों पर नज़र रख रही है ।
जीएसटी विभाग द्वारा इसी सप्ताह तीन और व्यवसायियों की जांच कर लगभग 8 करोड़ रु. टैक्स जमा करवाया गया है। इन फर्मों मे टैक्स की गड़बड़ी को आई टूल्स द्वारा फ्लेग किया गया था । इन सभी के द्वारा पिछले तीन सालों से आईटीसी क्लेम ज्यादा करते हुए टैक्स कम जमा किया जा रहा था । जांच के दौरान स्टॉक मे भी बड़ी मात्रा मे अंतर पाया गया l