एकमात्र पालनहार हे छत्तीसगढ़ी सिनेमा के, जानव कोन हे वो शख्स….
दीपक बावनकर@रायपुर छत्तीसगढ़ी सिनेमा के आगाज वईसे तो १९६५ म होगे रिहिस लेकिन ओला इंडस्ट्रीज के रूप मिलिस २००० म जब फिलिम मोर छैईया भुइयां प्रदर्शित होईस , ओखर बाद फिलिम बने के सिलसिला शुरू होगे , बड अकन फिलीम बन गे लेकिन चलिस नई अऊ जईसे प्रतिसाद के उम्मीद रिहिस नई मिलिस ,अतेक फिलिम के बाद भी छत्तीसगढ़ी फिलिम ले उम्मीद खत्म होत रिहिस कि फिर मोर छईयां भुइयां वाले जादूगर ह आ के मया बना दिस अऊ ऊहू सुपरहिट. फेर सब्बो के खुजली जाग गे अऊ फेर शुरू फिलिम बनाना ,लेकिन नतीजा उही फ्लॉप , अइसे लगना शुरू होगे कि अब बस लेकिन ये भ्रान्ति ल दूर करिस उही जादुगर जेखर नाम हरे सतीश जैन झन भूलो माँ बाप ल , टूरा रिक्शावाला ,लैला टिप टॉप छैला अंगूठा छाप अऊ हंस झन पगली के निर्देशक .
अब बात अभी के, छत्तीसगढ़ी सिनेमा के सुपर स्टार के तीन तीन फिलिम फ्लॉप होगे रंगोबती , राजा भैय्या अऊ सॉरी आई लव यू जान जईसे फिलिम के हश्र बहुत बुरा होय हे ,एखर से छत्तीसगढ़ी सिनेमा ले लोगन दूरिहा होवत हे खबर हे कि श्याम सिनेमाघर के मालिक ह अब छत्तीसगढ़ी फिलिम कुछ दिन तक अपन सिनेमाघर म नई लगाय के निर्णय ले हे काबर कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा के कलेक्शन बहुत कम आवत हे, सिनेमा मालिक के द्वारा छत्तीसगढ़ी फिलिम से दूरी बनाना अच्छा संकेत नई हे,
जब हमन कुछ निर्माता मन संग ऊंखर फिलिम के नई चले के कारण जानना चाहेन त ओमन किहिस कि छत्तीसगढ़ म एक्सपेरिमेंट नई चलीस एखर मतलब ओमन आज भी एक्सपेरिमेंट करत हे . सतीश जैन वाकई म जादूगर हे काबर कि अभी हाल ही म आये ऊंखर फिलिम हंस झन पगली ह करोडो के व्यवसाय करे हे अऊ अभी सतीश जैन ह भोजपुरी भाषा म उही फिलिम ल बनावत हे जेमा वो ह इन्हा के कलाकार मन ल घलो मौका दे हे ,खबर ये भी हे कि इही फिलिम बर पंजाबी भाषा के घलो ऑफर हे .बहेरहाल अब छत्तीसगढ़ी सिनेमा के जम्मो सदस्य मन ल जान लेना चाहिए कि वाकई म छत्तीसगढ़ी सिनेमा के असली पालनहार कोन हे कहिके….