“इत्तेफाक हे या कोई रहस्य” , हर १०० साल बाद आथे विश्व म अइसे महामारी , जाथे लाखो के जान
जय जोहार रायपुर…. आज समूचा विश्व कोरोना महामारी ले जुझत हे , विश्व भर में अभी तक लाखो मनखे मन अपन जान गंवा चुके हे , का हे ये कोरोना कब खतम होही ये एक पहेली बने हुए हे लेकिन सरकार अपन तरफ ले अवाम ल बचाय बर भरसक प्रयास करत हे , लोगन मन ल ये जान लेना चाहिये कि जब तक एखर दवाई नई बने तब तक कुछ नियम अऊ सावधानी ही एखर बचाव हे , लॉकडाउन एक तरिका मात्र हे लोगन मन ल घर म राखे के लेकिन कोई माने तब तो , रायपुर म २२ जुलाई ले २८ जुलाई तक लॉकडाउन घोषित हे लेकिन जब ले लॉकडाउन लगे हे कोरोना संक्रमित के संख्या कम होय के बजाय बाढत हे,
बता दन कि बीते चार सदी ले हर सौ साल म विश्व के सामने कोनो न कोनो महामारी अपन पैर पसारथे अऊ लापरवाही के चलते लाखो लोग मौत के मुंह म चल देथे , १७२० म प्लेग , १८२० म हैजा ,१९२० म स्पेनिश फ्लू अऊ २०२० म कोरोना , ये सब अइसे बीमारी आय जेन मन के इलाज बहुत बाद म आइस जब तक ये मन ह महामारी के रूप ले चुके रिहिस , वो समय भी इलाज नई होय के स्थिती म सावधानी अऊ शारीरिक दूरी ही एखर इलाज के रूप म साने आय रिहिस,
हर सौ साल म आय वाला बीमारी मन अतना कहर बरपाथे कि मृत व्यक्ति बर जमीन तको नई रहाय ये आंकड़ा विदेश के आय लेकिन महामारी तो महामारी आय एखर से सावधान रहना ही अभी एखर वैकल्पिक इलाज हे अऊ लॉकडाउन एखर उपाय लेकिन जागरूकता के कमी अऊ अतिआत्मविशवास के कारण आज हमन कोरोना उपर काबू पाय म असफल होवत हन , शासन प्रशासन अपन काम करत हे जरुरत ये बात के हे कि हमू मन ल ऊंखर साथ देना चाहिए अऊ बताय नियम ल मानना चाहिए,
बहरहाल कोरोना एक वायरस रूपी बीमारी आय जेन ह अदृश्य हावे अऊ लक्षण के आधार म ओखर जानकारी होथे , देश के प्रधानमन्त्री ल ले के राज्य के मुख्यमंत्री अऊ जिला के कलेक्टर मन बार बार जागरूक करे के अभियान चलाथे लेकिन मानव प्रविती हे कि नियम पालन करे म चुक करथे अऊ अपन संग दुसर मन ल घलो संक्रमित करथे , अगर स्थिति म काबू नई पाय गिस त दिक्कत बाढ़ सकथे , आज एम्स , मेकाहारा अऊ माना के अस्पताल मन म जगह नई हे , इनडोर स्टेडियम म वैकल्पिक व्यवस्था करे जात हे , लेकिन व्यवस्था करे ले कुछ नई होना हे करना हे त ज्यादा ले ज्यादा टेस्ट अऊ लोगन म जागरूकता लाय कोति कदम बढ़ाना होही .