कन्या आश्रम म पढ़ाइ नइ जूठा बरतन मांजत हे नोनी मन
कोरिया। जिला के पहाड़ पारा म प्राथमिक कन्या शाला आश्रम म पढ़इ के जगह झाड़ू, कूड़ा-कचरा उठाना अउ जूठ बरतन धोवत हे नोनी मन। एक तरफ सरकार अपन तीसरा पारी म विकास अउ सिक्छा के बात बतात नइ थकत हे उहें सिक्छा ह मजाक बनक रहि गेहे । प्रदेस के कन्या आश्रम म पढ़ाइ नहीं जूठा धोवत हे नोनी मन ।
स्कूल जा पढ़े बर, जिंदगी ला गढ़े बर ये स्लोगन अब केवल दिखावा सिद्ध होवत हे। अइसे लुभावने स्लोगन ले प्रचार-प्रसार कर के सरकार सिक्छा के गुनात्मक विकास के दावा करथे। लेकिन ये ह सच्चाई ले कोसो दूर हे अउ सरमनाक हे। एक तरफ सरकार स्कूल मन म मध्यान्य भोजन देवत हे। ताकि गरीब के लइका मन ल घलो स्कूल म पढ़ाई म ध्यान देवय। भोजन पकाय के तमाम सुविधा मन देय हे, लेकिन स्कूल म लइका मन ल भोजन देय के बाद उमन ले जूठा बरतन धुलवाएं जावत हे। ये सब होवत हे कोरिया जिला के पहाड़ पारा स्थित प्राथमिक कन्या शाला आश्रम म।
बता दन के ये आश्रम म 1 सहायिका, 3 भृत्य अउ 1 जमादार नियुक्त हे , जोकर काम आश्रम म रोजाना – भोजन बनाय लेके साफ – सफाई के बेवस्था करे के हे। अउ येकर सेती सरकार ले वेतन पावत हे। ये सब होय के बावजूद आखिर नोनी मन ले अइसे सरमनाक कारय कराय के का जरूरत हे। ये सोचे के बात हे।