
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ह स्वामित्व योजना अंतर्गत भूमि पट्टा के करिन वितरण
गरियाबंद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ह दिल्ली ले स्वामित्व योजना अंतर्गत देशभर के 50 हजार ले अधिक गांव म 65 लाख भूमि पट्टा के वितरण करके हितग्राही मन ले संवाद करिन। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम ले जिला के जनप्रतिनिधि अउ हितग्राहीगण घलो ऑनलाईन कार्यक्रम म शामिल होइन। ए कार्यक्रम कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष म आयोजित करे गिस। जेमा जिला के 27 लोगन मन ल भूमि अधिकार अभिलेख के वितरण करे गिस। सभाकक्ष म जनपद पंचायत गरियाबंद अध्यक्ष लालिमा ठाकुर, संयुक्त कलेक्टर राकेश गोलछा सहित अन्य जनप्रतिनिधि अउ अधिकारी मन ह भूमि पट्टा के वितरण करिन। स्वामित्व योजना अंतर्गत गांव के ड्रोन सर्वे अउ नवीन तकनीक ले मैपिंग करके अधिकार अभिलेख तैयार करे गिस हे। एखर ले लोगन मन ल अपन भूमि के मालिकाना हक मिल गे हे। अधिकार अभिलेख शासकीय योजना के लाभ अउ बैंक ले ऋण प्राप्त करे म सहायक होहि। कार्यक्रम म मौजूद लोगन मन ह स्वच्छता अउ नशामुक्त भारत अभियान म अपन भागीदारी सुनिश्चित करे के शपथ घलो लिन।
ए अवसर म जिला पंचायत सदस्य फिरतुराम कंवर, जनपद उपाध्यक्ष प्रवीण यादव, डिप्टी कलेक्टर अंजली खलखो, जनपद सीईओ अमजद जाफरी, तहसीलदार मयंक अग्रवाल, नायब तहसीलदार डोनेश साहू, अवंतिका गुप्ता, परियोजना अधिकारी लाईवलीहुड कॉलेज सृष्टि मिश्रा सहित हितग्राहीगण मौजूद रहिन।
वर्चुअल कार्यक्रम म प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ह देश ल सम्बोधित करत कहिन कि स्वामित्व योजना के शुभारंभ 24 अप्रैल 2020 ले करे गिस रहिन। एखर तहत गांव के ड्रोन सर्वे करके सटिक मानचित्र बनाके भू-रिकार्ड ल डिजीटली रूप म संधारित करे जात हे। ए योजना हर नागरिक ल प्रोत्साहित करे के अउ उखर भूमि के दस्तावेज के रूप म मालिकाना हक दिलाए बर संचालित करे जात हे। भूमि के पट्टा मिले ले हितग्राही मन के आत्मविश्वास म वृद्धि होए हे। संग म आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण, रोजगार अउ अन्य योजना के पात्रता म घलो कारगर साबित होत हे। यह देश के उत्कृष्ट योजना म शामिल हे। स्वामित्व योजना किसान परिवार मन बर आर्थिक विकास अउ भूमि के सुरक्षा के गारंटी बन चुके हे। एखर ले जनजाति परिवार घलो लाभान्वित होवत हे। जम्मों गांव म अधिकार अभिलेख बन जाए ले आर्थिक गतिविधी के रास्ता खुलहि। संग म नागरिकगण अधिक विकास के कोती अग्रसर होहि। प्रधानमंत्री मोदी ह कहिन कि अधिकार अभिलेख आपदा के समय म घलो उचित मुआवजा दिलाए म घलो सहायता करहि। एखर ले जमीन विवाद सुलझहि संग ही भ्रष्टाचार म घलो अंकुश लगहि। अधिकार अभिलेख के डिजिटलीकरण करके भूमि ल खास पहचान देय गे हे। एखर ले आसानी से प्लाट के चिन्हांकन करके भू-स्वामी के पता चल जाहि।