छत्तीसगढ़ के हवा म अईसे का हे कि आक्रमक हो गे कुमकी हाथी… बन गे जीव के काल, उपयोगिता ल लेके सवाल
अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ म हाथी के कहर ले लोगन मन ल बचाए खातिर कर्नाटक ले पाए गे रिहिस 5 कुमकी हाथी ह खुदे आक्रमक हो गे हे। बृहस्पत के दिन इही हाथी में ले एक परशुराम हाथी ह महावत उपर हमला कर दिस। कुमकी हाथी ल ट्रेन कर के भेजे गे हे फेर अईसन घटना ले वन विभाग के अधिकारी मन घलो आश्चर्य म पड़ गे। अब ऐ हाथी के उपयोगिता उपर घलो सवाल उठत हे।
जंगली हाथी मन के नियंत्रण अऊ ओला काबू म करे के संगे-संग जंगल भ्रमण म कुमकी हाथी के उपयोग करे जाए के दावा करे गे रिहिन। काबर कि छत्तीसगढ़ म जंगली हाथी मन के उत्पात बिकट बढ़ गे हे। फेर ऐ दावा अब फेल साबित होवत हे। लाखों रुपया खर्चा कर के साल भर पहिली कर्नाटक ले पांच कुमकी हाथी मंगाए गे रिहिस। ऐ हाथी ल महासमुंद के पासिद कैम्प में रखे गे रिहिस। काबर कि इहां के आबो-हवा म ओमन ढल जाए।
अभी दू महीना पहिली कुमकी हाथी मन ल रमकोला स्थित हाथी रेस्क्यू सेंटर में ला के रखे गे रिहिस। कर्नाटक ले ए हाथी मन ल लाए म लगभग 10 लाख रुपया के खर्चा होए रिहिस। उहें रोज खाना के रुप म एक बड़े राशि खरच होथे। फेर जेन उद्देश्य ल ले के हाथी मन ल लाए रिहिस ओ उद्देश्य ह पूरा होत नई दिखत हे।
जे महावत ह एक साल ले हाथी मन संग हे ओखरे उपर हमला के घटना हे चिंता के बात हो गे हे। ऐ घटना ले वन अधिकारी मन के नींद उड़ा गे हे। ऐ हाथी मन के उपयोगिता ल साबित करे ल लेके वन बिभाग के अधिकारी मन कोनों योजना तियार नई कर पाए हे। कुल मिलाके कहे जा सकथे कि ऐ हाथी ह अब बिभाग के गला के हड्डी बन गे। उहें दूसर कोती जंगली हाथी मन के उत्पात ह चरम म पहुंच गे हे। आए दिन नवा-नवा इलाका म हाथी मन के चहलकदमी के खबर आथे।