विशेष.. हौसला अइसे कि आँखी नई होय के बाद भी बनिस कलेक्टर , रेलवे ह नई दे रिहिस नौकरी नेत्रहीनता के कारण
जय जोहार रायपुर..दीपक ५२कर… कहीथे कि हौसला बुलंद हो तो सफलता के उड़ान भरे ले कोई नई रोक सके , अइसने ही बुलंद हौसला के मिसाल कायम करे हे देश के पहली दिव्यांग आईएएस अधिकारी प्रांजल पाटिल, जेन ह अपन नेत्रहीनता ल कभू भी अपन मंजिल के बीच नई आन दिस, आईएएस बन के एक अलग मिसाल कायम करिस प्रांजल ह , 2017 म संघ लोक सेवा आयोग के परीक्षा म 124 वां रैंक हासिल करे के बाद प्रांजल ह केरल के एरनाकुलम के उप कलेक्टर के पदभार सम्भालत हे, आपला बता दन कि प्रांजल पाटिल केरल कैडर के पहली नेत्रहीन महिला आईएएस अधिका री हे, हालांकि ओला ये मुकाम ल हासिल करे बर काफी चुनौति के सामना करना पडिस लेकिन वो ह खुद ल कभु कमजोर नई होन दिस अऊ सब्बो मुश्किल के डटके सामना करिस, शायद इहि वजह हे कि आज प्रांजल पाटिल अतना बड़े पद म पर मौजूद हे ,
प्रांजल, तब सिर्फ छह साल के रिहिस जब ओखर आंख खराब हो गए रिहिस दरअसल, प्रांजल के एक क्लॉसफेलो ह ओखर आंख म पेंसिल मार के घायल कर दे रिहिस , जेन वजह से प्रांजल के एक आंख के रोशनी हमेशा बर चल दिस, लेकिन बदकिस्मती नह ओखर दूसर आंख के दृष्टि लेके ही दम लिस, प्रांजल के माता-पिता मन सोचिस कि नेत्रहीनता ल ओखर शिक्षा के बीच नई आन देना हे , ओमन प्रांजल ल नेत्रहीन म बर बने स्कूल में भेज दिस , जिहां ले प्रांजल ह 10वीं अऊ 12वीं के परीक्षा काफी अच्छा नंबर ले पास करिस, अतना ही नई ओमन 12वीं म प्रथम स्थान प्राप्त करिस.
साल 2016 म अपन पहिले प्रयास म संघ लोक सेवा आयोग के एग्जाम म प्रांजल ह ७३३ वां रैंक हासिल करिस , जेखर वजह से प्रांजल ल वो समय भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आईआरएएस) म नौकरी के ऑफर दे गिस लेकिन ट्रेनिंग के समय रेलवे मंत्रालय ह ओमन ल नौकरी दे से इंकार कर दिस , जेखर वजह प्रांजल के नेत्रहीनता ल बताय गिस , एखर बाद प्रांजल ह यूपीएससी के एग्जाम पास करिस अऊ १२४ वां रैंक हासिल करके एरनाकुलम के उप कलेक्टर बनीस ,
एग्जाम के चुनौति के बारे म प्रांजल ह बतायइस कि ‘ये सिर्फ मेरे लिए ही नहीं, हर किसी के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। परीक्षा की तैयारी के लिए सही कंटेंट और उसकी उपलब्धता ही असल चुनौती है। अगर इंसान ठान ले तो कुछ भी कर सकता हैं…