Raipur: माते हावय चारो कोती होरी के उमंग नोनी, रंग अउ गुलाल देख उत्ताधुर्रा मातत हे
जय जोहार…. (Raipur) छत्तीसगढ़ सनातन दशनाम गोस्वामी समाज के सामाजिक पत्रिका दत्तप्रकाश के तत्वावधान म रंग पंचमी के अवसर म काव्य गोष्ठी के आयोजन करे गे हे। ए अवसर म राजनांदगांव के रानी गोस्वामी ह अपन रचना का मोला मेहा बिटिया हों, हर पल याद दिलाए जावत हे पढ़िन। धमतरी कुरुद के साहित्याकार पुष्कर गोस्वामी पूनम ह कहिन कि एक बानगी देखिये, तय करे ले ह बड़ अकड़ चुनौती। असल जश्न अभी बाकी हे, जेन प्राप्त हे, ओ हा त थोड़कीन हे, नाकाफी हे।
(Raipur) कोलेगांव कबीरधाम के संजीव गोस्वामी ह कहिन कि नष्ट होवत संस्कृत, पनप रहे विकृति, पश्चिमी चकाचौंध के लकल बनत प्रवृत्ति। दूरदर्शन एवं आकाशवाणी कलाकार, गीतकार अउ कवि चम्पेश्वर गिरि गोस्वामी रायपुर ह अपन रचना प्रस्तुत करत हुये कहिन कि “माते हावय चारो कोती, होरी के उमंग नोनी, रंग अउ गुलाल देख उत्ताधुर्रा मातत हे, खुशी अमरावत हावय गांव गांव गली गली, लइका अउ सियान सब फाग गीत गावत हे…”
कार्यक्रम म चंदखुरी मुंगेली के साहित्यकार शिखा गोस्वामी, दत्तप्रकाश के प्रधान संपादक व समाज के प्रांताध्यक्ष उमेश भारती गोस्वामी, बिलासपुर के मुकेश गिरि, चंदली चन्द्रपुर के श्रीनाथ पुरी गोसाईं, धाराशिव जांजगीर के टंकेश्वर गिरि गोस्वामी ह घलो अपन रचना ल पढ़िन।
(Raipur) ए दौरान प्रांतीय संगठन सचिव पोखराज बन व उपाध्यक्ष विश्वनाथ पुरी गोसाईं ह कहिन कि दत्तप्रकाश समाज के प्रतिभा मन ल आगू बढ़ाये के सरलघा प्रयास करत हे। आप मन ह अपन लेखनी के माध्यम ले परिवार अउ समाज के नाव ल रोशन करे। कार्यक्रम के संयोजक अउ पत्रिका के संपादक वीरेन्द्र रमन गिरि ह कहिन कि गोस्वामी समाज म प्रतिभा के कमी नई हे। दत्तप्रकाश के उद्देश् प्रतिभा ल मंच प्रदान कर आगू लाना हे।