छत्तीसगढ़ के पहिचान बर अभु बहुत कुछु करना हे बाकी
रायपुर। “आदि धरम जागृति संस्थान” के संगोस्ठी म सभी वक्ता मन ह राज्य निरमान के बाद इहां के अस्मिता के संवरधन बर कोनो ठोस काम नइ करे के बात कहिन। “राज्य निरमान अउ अस्मिता के दसा” बिसय म चरता करत हुए वक्ता मन के कहिना हे के, अलग राज्य ब संघरस के उद्देस्य रहिस हे इहां के भाखा के, इहां के संस्कृति के अउ सम्पूरन अस्मिता के स्वतंत्र पहिचान बनय, अब लगते हे के राज्य आन्दोलन म अपन सरवस्व अरपित कर देवइया पुरख मन के स्वप्न ल साकार करे बर पुनः संघरस के रद्दा अख्तियार करना होही।
सिविल लाईन के वृंदावन हाल म आदि देव के चित्र म ज्योति प्रज्वलित करे अउ संस्थान के प्रदेश महिला प्रभारी, लोक गायिका ज्योति चंद्राकर के छत्तीसगढ़ महतारी के वंदना प्रस्तुत करे के बाद संगोष्ठी के सुरूआत होइस। मुख्य अतिथि के आसंदी ले संबोधित करत हुए वरिष्ठ साहित्यकार, समाजसेवी अउ छत्तीसगढ़ी सेवक के संपादक जागेश्वर प्रसाद ह कहिन के छत्तीसगढ़ के मूल पहिचान बर अभु घलो बहुत कुछु करे जाना शेस हे। कोनो भी राज्य के पहिचान उहां के भाखा अउ संस्कृति ले होथे, लेकिन राज्य निरमान के बाद इहां के सरकार मन येखर स्वतंत्र पहिचान बनाय बर कोनो भी ठोस कारय नइ कर हे। दिखाय बर प्रदेस स्तर म छत्तीसगढ़ी ल राजभाखा के दरजादे दिस हे। राजभाखा आयोग के स्थापना कर दीस, लेकिन जमीनी तउर म राजभाखा ल स्थापित करे के दिसा म कोनो ठोस पहल नइ जात हे।
गोंडी धर्म गुरु ठाकुर कोमल सिंह मरई ह कहिन के इहां के मूल संस्कृति ल समझे बर छत्तीसगढ़ी भाखा के संग गोंडी भाखा ल भी समझे के आवश्यकता हे। समाज सेविका मिथिला खिचरिया के कहिना रहिस हे के नवा छत्तीसगढ़ राज्य अब 18 बछर के होगे हे। अब पुरख मन के दिखाय गे मारम म चलत हुए, लोक संस्कृति ल जीवंत करत हुए आदि धरम के स्थापना करे जाय। अस्मिता एवं स्वाभिमान के संपादक भुवन वर्मा ह मूल आदि धरम ल पुनरस्थापित करे बर कार्य करे के आव्हान करिन।
कारयक्रम अउ संस्थान के प्रदेस अध्यक्ष सुशील भोले ह कहिन के इहां के संस्कृति अउ इतिहास के नाम म करे गे सोध के चलत इहां के मूल पहिचान आज घलो स्वतंत्र रूप म स्थापित नइ हो सकिस।
शिक्षाविद् डा. शंकर यादव अउ प्रो. लक्ष्मण प्रसाद मिरी घलो अपन बात रखिस। संगोस्ठी म डा. सुखदेव राम साहू, सुधा वर्मा, रामकुमार साहू, चेतन भारती, कृष्ण कुमार वर्मा, मनोरमा चंद्रा ने भी अपने विचार रखिन।
वरिष्ठ साहित्यकार चेतन भारती, राजिम से पधारी कवयित्री केवरा यदु, संस्थान के सांस्कृतिक सचिव अरुणा व्यास मिरी, आशा पाठक, राजेश्वरी वर्मा, गीता वर्मा, सावित्री वर्मा, नेहरू लाल यादव, मनोरमा चंद्रा ह अस्मिता म आधारित काव्यपाठ करिन।
ये अवसर म रामशरण कश्यप, कमल निर्मलकर, भोलेश्वर साहू, भगवान सिंह अहिरे, भगत ध्रुव, सत्यभामा ध्रुव, प्रियंका मरकाम, सावित्री वर्मा, राजेन्द्र चंद्राकर, मीना साहू, शारदा देवी साहू, डा. रेखा वर्मा, भारती वर्मा, अरुण वर्मा, चैतराम नेताम, मनहरण चंद्रा, मुकेश शर्मा, दिलीप ताम्रकार, सफदर अली सफदर, हर्षवर्धन साहू, दिलीप सिंह समेत कतको अस्मिता प्रेमी उपस्थित रहिन हे।