सिर्फ दिव्यांगता के कारण ड्राइविंग लाइसेंस अउ वाहन के पंजीयन बर मना नई कर सकय आरटीओ हा : हाईकोर्ट
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ म दिव्यांग जन के ड्राइविंग करे के अधिकार बर परिवाद दायर करे गे रिहिस। ये परिवाद चित्रसेन साहू के द्वारा वकील सौरभ चौधरी अउ रजा अली के माध्यम ले दायर करे गे रिहिस, जेकर सुनवाई हाईकोर्ट बिलासपुर म माननीय न्यायाधीश गौतम भादुरी के द्वारा करे गिस।
चित्रसेन साहू हा नवंबर 2017 म ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन कार क्रय करिन, जेकर बाद सबो विधिवत दस्तावेज अउ शासन के नियम के साथ invalid carriage वाहन के रूप पंजीयन कराए बर आरटीओ के पास प्रस्तुत करिन। परन्तु परिवहन विभाग हा, ना तो वो हा केंद्र सरकार के राजपत्र म प्रकाशित नियम, ना ही दिशानिर्देशमन ला माने बर तैयार रिहिस, बस सिर्फ अपन डर के कारण वो भी बिना वाहन के जांच करे, बिना ड्राइविंग टेस्ट लिए पंजीयन करे अउ लाइसेंस बर मना कर दिस। चित्रसेन हा परिवहन विभाग के सबो उच्चाधिकारी मन ले भेंट करिन अउ कम से कम ड्राइविंग टेस्ट अउ वाहन के जांच करके निर्णय करके मांग करिन, परन्तु अइसे नई होइस।
सोचव अगर आप मन शौक से बहुत समय ले प्लान करके कुछ सेविंग ओर लोन लेके कार खरीदेव अउ आप ला बोल दिये जाए कि आप वाहन मत चलावव, ओला घर म ही राखव, ना हम आप के वाहन के विशेष पंजीयन करन, ना ही आप ला लाइसेंस देवन। वो भी ए कारण कि, काबर कि हमला डर हे कि भाई कल आप मन कोनो ला नुक्सान पहुंचाहू त पूरा जिममेदारी जारीकर्ता ऊपर आही।
छत्तीसगढ़ म राज्य शासन के सुप्तता अउ आरटीओ के मनमानी के कारण invalid carriage( Specially-designed vehicle for differently able) के पंजीयन अउ लाइसेंस जारी करे ले मना कर दिए जावत हे। विगत कुछ साल म ऑटोमोबाइल तकनीक मन म बहुत बदलाव होए हें, वर्तमान में ऑटो गियर शिफ्ट/ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन कार चलन म आए हे। जेला चलाए म आसानी होथे अउ कुछ लोगन द्वारा केंद्र सरकार के नियम मन के अनुरूप परिवर्तन करके disability के अनुकुल बनाए जावत हे, जेला ARAI पुणे ले अनुमोदित करा के invalid carriage म पंजीयन किए जावत हे। एक्साइज/जीएसटी म छूट बर आरटीओ ल केंद्र सरकार द्वारा परिवर्तन अनुमोदित करे के शक्ति प्रदान करे गे हे अउ रोड टैक्स म घलो छूट दिए जावत हे। ये संबंध म केंद्र सरकार हा दिशा निर्देश जारी करे हे अउ तीन हाईकोर्ट मन घलो ये मामला म अपन निर्णय दे हें। वर्तमान म कुछ एक राज्य मन एला अपना डरे हें, परन्तु छत्तीसगढ़ राज्य म अभी भी विनिर्माता (manufacturer) प्रमाण पत्र के मांग करे जावत हे, जो कि वर्तमान में manufacturer द्वारा प्रदाय नई करे जावत हे। शासन हा एकर बर आरटीओ ला अधिकृत करे हे, लेकिन विभाग के अधिकारी मन आदेश/दिशानिर्देश मन ला माने बर तैयार नई हें, ना ही लिखित जवाब दे बर।
अइसे स्थिति म चित्रसेन साहू द्वारा सबो दिव्यांग जन के हित म ड्राइविंग करे के अधिकार बर परिवाद दायर करे गिस। माननीय न्यायाधीश गौतम भादुरी विभाग के जवाब ले बिल्कुल भी संतुष्ट नई होईन अउ परिवहन विभाग ला फटकार लगाईन, साथ ही वकील अउ परिवादी ला प्रोत्साहित करत शुभकामना दीन कि समाज म ये किसम के समस्या हें, जेकर ऊपर हमर नजर नई जाय, ये प्रकार के केस संज्ञान म लाए खातिर धन्यवाद। बिना ड्राइविंग टेस्ट अउ वाहन के जांच करे बिना मना करना बिल्कुल ग़लत हे, परिवादी चित्रसेन साहू ला एकर लिए अनुमति दिए जावत हे।
चित्रसेन साहू हा बताईन कि अब उंकर द्वारा कोर्ट के निर्णय के अनुसार राज्य सरकार ले दिव्यांग जन के वाहन पंजीयन अउ लाइसेंस बर स्पष्ट अउ सार्वभौमिक दिशानिर्देश राज्य म लागू करे बर कोशिश करे जाही। बहुत से लोगन हें जेमन लाइसेंस लेके गाड़ी चलाना चाहथें, लेकिन सिर्फ डिसएबिलिटी के कारण मना कर दिए जावत हे, कोई आवाज घलो नई उठावय, ना ही एकर उपर काकरो ध्यान रिहिस। उच्च न्यायालय के ये निर्णय ले राज्य म सबो दिव्यांग जन के ड्राइविंग करे के अधिकार बर रास्ता खुलिस हे।