सिम्स के डॉक्टरों ने गंभीर रूप से घायल बच्ची को मौत के मुंह से निकाला
बिलासपुर। सिम्स के डॉक्टरों द्वारा सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हुई 6 वर्षीय बच्ची का सफल उपचार किया गया। दुर्घटना के कारण बच्ची को गंभीर चोट लगी थी। श्वास लेने में दिक्कत सहित कई परेशानियां आ रही थी। उसके बचने की संभावना भी बहुत मुश्किल बताई जा रही थी। सिम्स के उप अधीक्षक विवेक शर्मा ने बताया कि जिले के बिल्हा निवासी आदिवासी किसान श्री विनोद मरकाम अपनी 6 वर्षीय पुत्री विधि और अन्य लोगों के साथ पखवाड़े भर पूर्व बाईक पर निकले थे।
रास्ते में जाते हुए कुछ समय पश्चात बाईक की टक्कर सामने से आ रही ट्राली से हो गयी जिसमें बाईक सवार सभी लोग घायल हो गए। घायलों को तुरंत सिम्स रेफर किया गया, जिसमें सबसे ज्यादा गंभीर 6 वर्षीय बच्ची थी जिसका जबड़ा एवं हाथ टूट चूका था और जीभ, गाल पूरी तरह से फट गया था। बच्ची बेहोश थी और खून का बहाव रूक नहीं रहा था और सांस नहीं ले पा रहा थी बच्ची का बचना बहुत ही मुश्किल था। उसे तत्काल शिशुरोग विभाग, सिम्स के गहन चिकित्सा ईकाई में डॉ. राकेश नहरेल एवं टीम की देख-रेख में भर्ती किया गया।
खून का बहाव रोकने के साथ ही, तुरंत प्रभाव से उसकी श्वास की नलीकाटकर (ट्रेकियोस्टामी कर) श्वास का बहाव बनाए रखा गया और उसे वेंटीलेटर पर डाला गया। 24 घंटे शिशुरोग विभाग के डाक्टर निरंतर उसके श्वास एवं रक्तचाप के उपचार में लगे रहे 48 घंटों के पश्चात बच्ची की हालत में सुधार आना चालू हुआ सर्जरी विभाग के डॉ. विनोद तमकनंदन एवं दंत चिकित्सा के डॉ. संदीप प्रकाश व टीम के सक्रियता एवं शिशुरोग विभाग के डॉ. समीर जैन, डॉ. वर्षा तिवारी, डॉ. अभिषेक कलवानी व टीम का लगातार आई०सी०यू० केयर से बच्ची 15 दिनों में पूर्णतः स्वस्थ्य होकर सिम्स से डिस्चार्ज हुई। सिम्स के शिशु रोग विभाग, सर्जरी विभाग एवं दंत रोग विभाग के द्वारा किये गये उक्त सराहनीय कार्य के लिए डॉ. के. के सहारे अधिष्ठाता महोदय द्वारा चिकित्सकों के उत्साहवर्धन एवं प्रशंसा की गई है।