ये कहा कहिन वैज्ञानिक मन सूपेबेड़ा के पानी म जहर ?
रियाबंद। जिला के दू हज़ार के आबादी वाले सूपेबेड़ा गांव म 235 लोग किडनी रोग पीड़ित हे। किडनी ले जुड़े बीमारी ल बढ़त देख मुंबई ले वैज्ञानिक मन के एक दल शुक्रवार इहां पहुंचिन। इलाका म मवजूद पानी के जांच के दउरान ओमा फ्लोराइड के मात्रा जादा पाय गिस हे।
सूपेबेड़ा म शुक्रवार के मुंबई ले होमी भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक मन के टीम इंदिरा गांधी कृषि विश्वविधालय के वैज्ञानिक मन के टीम के संग गांव म पानी के जांच करे बर पहुंचिन। ये दउरान पहिली मुंबई ले आय वैज्ञानिक मन के टीम ह ग्रामीन मन ह जानकारी लीस।
टीम ह गांव के सबो हैण्डपंप मन के पानी म फ्लोराइड अउ आर्सेनिक के मात्रा के जांच करिन। जांच के दउरान टीम ह पाइन के गांव म करीबन 16 जगा के पानी म फ्लोराइड हे। वैज्ञानिक मन के टीम ह पानी के उपयोग न करे के सलाह ग्रामीन मन ल दीस हे। उहे मुंबई के वैज्ञानिक ललित वारसे के नेतृत्व म पहुंचे टीम म 7 सदस्य मवजूद रहिन हे। दिन भर टीम ह गांव म घूमके पानी के सैंपल लेके जांच पूरी करिन।
छत्तीसगढ़ म भाभा इंस्टीट्यूट के टेक्निकल यूनिट के काम देखइया अरूण कुमार ह बताइन के क्रेडमियम के जांच गांव म संभव नइए, अइसे म क्रेडमियम के जांच करे बर गांव ले पानी के सैंपल लेके टीम मुंबई गिस हे। उहां पानी के जांच के बाद ही क्रेडमियम के बारे म कुछु कहे जा सकत हे।
गांव ल मिलही फिल्टर सॉल्यूसन
जांच के दउरान पानी म बैक्टरिया अउ वायरस घलो पानी म नजर आइस हे। अरूण ह बताइन के गांव ल फिल्टर साल्यूसन देय के तइयारी करे जात हे। गांव के पानी म टीडीएस अउ आर्सेंनिक सामान्य पाय गेहे।