
विशेष लेख : राज्य सरकार ह पर्यटन अउ ऐतिहासिक महत्व के स्थल ल चिन्हांकित करके पर्यटन स्थल के रूप म करत हे विकसित
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व म राज्य सरकार पर्यटन अउ ऐतिहासिक, धार्मिक अउ पौराणिक महत्व के स्थल ल चिन्हांकित करके धार्मिक अउ पर्यटन स्थल के रूप म विकसित करत हे। ए कड़ी म छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के अंतर्गत पर्यटन अउ रोमांच ले भरपूर सरायपाली स्थित शिशुपाल पर्वत नवा पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप म उभर के सामने आइस। ए पर्वत के ऐतिहासिक, धार्मिक अउ पौराणिक महत्व घलो हे। मकर संक्रांति अउ महाशिवरात्रि के अवसर म इहां विशाल मेला के आयोजन घलो होथे।
महासमुंद जिला के सरायपाली स्थित शिशुपाल पर्वत ट्रैकिंग अउ एडवेंचर के शौकीन युवा मन बर ए एक शानदान डेस्टिनेशन हे। ए स्थान अपन अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता अउ ऐतिहासिक महत्त्व बर जाने जाथे। राजधानी रायपुर ले 157 किमी अउ सरायपाली ले लगभग 20 किमी के दूरी म स्थित ए पर्वत पर्यटक मन ल प्रकृति के करीब लाए के एक शानदार अवसर प्रदान करथे।
शिशुपाल पर्वत (बूढ़ा डोंगर) समुद्र तल ले 900 फीट के ऊंचाई म स्थित हे। इहां तक पहुंचे बर रोमांचक ट्रैकिंग मार्ग हे, जेन रोमांचक ट्रैकिंग के नया अनुभव कराथे। ए पर्यटन स्थल साहसिक गतिविधी के प्रेमी मन ल अपन ओर आकर्षित करता हे। ट्रैकिंग मार्ग घना जंगल, चट्टान अउ प्राकृतिक पगडंडी ले होके गुजरथे। पहाड़ के ऊपर म एकठन विशाल मैदान हे, जिहां ले वर्षा ऋतु के दौरान पानी 1100 फीट नीचे गिरके घोड़ाधार जलप्रपात के निर्माण करथे। ए झरना अउ ओखर चारों कोती हरियाली एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करथे। पर्यटन के बढ़त संभावना ल देखते, दु बछर पहिली पर्यटन मंडल ह एला पर्यटन स्थल के रूप म विकसित करे के पहल करिन। इहां पहुंचइया सैलानी मन बर आधारभूत सुविधा के निर्माण करे गिस, जेखर ले उखर यात्रा सुखद अउ आरामदायक हो सकय।
शिशुपाल पर्वत के प्राकृतिक सुंदरता अउ शांत वातावरण एला एक आदर्श पर्यटन स्थल के रूप म अपन पहिचान बनात हे। इहां के वातावरण, झरने के आवाज, ठंडा हवा अउ प्राकृतिक सुंदरता अउ शांति के संगम पर्यटक मन ल मानसिक शांति अउ सुकून के अनुभव कराथे। ये स्थान फोटोग्राफी अउ प्रकृति के अद्भुत दृश्य बर घलो प्रसिद्ध हे। शिशुपाल पर्वत न सिर्फ रोमांचक ट्रैकिंग स्थल हे, बल्कि इतिहास अउ प्रकृति के अद्भुत संगम घलो हे। ए स्थान ट्रैकिंग, फोटोग्राफी अउ प्राकृतिक दृश्य के आनंद ले बर एक बेहतरीन विकल्प हे। अउ अगर आपमन घलो प्राकृतिक सुंदरता, रोमांच अउ इतिहास के अनुभव करना चाहथो, त शिशुपाल पर्वत आप मन के सूची म होना चाहि। अपन ऐतिहासिक महत्व अउ प्राकृतिक आकर्षण के संग, शिशुपाल पर्वत आज के दौर म पर्यटन का नवा केंद्र बनत जात हे।
शिशुपाल पर्वत पर्यटन स्थल म हर बछर मकर संक्रांति अउ महाशिवरात्रि के अवसर म भारी संख्या म भक्त दर्शन अउ पूजन बर आथे। ए दौरान मंदिर के आसपास भव्य मेला के आयोजन करे जाथे, जेमा लोगन मन धार्मिक अनुष्ठान के संग- संग मेला के चहल-पहल के आनंद लेथे। मकर संक्रांति म लगइया ए मेला, इतिहास अउ प्राकृतिक सौंदर्य के संगम हे। धार्मिक आस्था, ऐतिहासिकता, साहसिक पर्यटन के अद्भुत अनुभव एला एक संपूर्ण पर्यटन स्थल बनाथे। ए मेला न सिर्फ स्थानीय लोगन मन बर, बल्कि दूर-दूर ले अवइया पर्यटक मन बर घलो विशेष आकर्षण के केंद्र हे। इहां रोजगार के नवा अवसर घलो सृजित होत हे।
शिशुपाल पर्वत के ऐतिहासिक अउ पौराणिक महत्त्व हे। एला लेके स्थानीय नागरिक मन के कहिना हे कि शिशुपाल पर्वत (बूढ़ा डोंगर) के नाम स्थानीय लोककथा ले जुड़े हे। ए संदर्भ म कहानी हे कि ए पहाड़ म कभु राजा शिशुपाल के महल रिहीन। इहां के गौरवशाली इतिहास रहे हे पर्वत के उपर म ही अभेद्य दुर्ग, सुरंग अउ शिवमंदिर के निर्माण करे गे हे, जेखर भग्नावशेष आज घलो अतीत के गौरवगाथा सुनाथे। जब अंग्रेज मन ह राजा ल घेर, लिन त ओ ह अपन वीरता के प्रदर्शन करत अपन घोड़ा के आंखीं म पट्टी बांधके पहाड़ ले छलांग लगा दिन। ए घटना के सेती ए पर्वत के नाम शिशुपाल पर्वत अउ इहां स्थित झरना के नाम घोड़ाधार जलप्रपात पड़ गिन। ए बारहमासी झरना बड़ ऊँचाई ले गिरे के सेती अद्भुत सौंदर्य के अप्रतिम उदाहरण हरय।
ए क्षेत्र ल पर्यटन क्षेत्र के रूप म विकसित करे जाए के पहल शासन द्वारा विशेष प्रयास करे गिस। पिछले दिन म वन विभाग ह पर्यटन अउ रोजगार के संभावना ल देखत ए स्थल के निरीक्षण करिन। चूंकि आसपास के क्षेत्र म बंसोड़ जाति बहुतायत संख्या म पाए जाथे, जेन ह बांस के कलाकृति बनाथे। ओ मन ल घलो रोजगार लो जोड़े जा सकय। संग म एकठन पर्यटन परिपथ के रूप म घलो विकसित करे जा सकय। विशेषज्ञ मन के कहिना हे कि इहां ले चंद्रहासिनी देवी मंदिर, गोमर्डा अभ्यारण, सिंघोड़ा मंदिर, देवदरहा जलप्रपात अउ पर्यटन स्थल नरसिंहनाथ ल जोड़े जा सकत हे।