34 साल पहिली ये गांव म राजीव गांधी हा खाए रिहिन चरोटा भाजी, पीये रिहिन मड़िया पेज अउ चुहके रिहिन मउहां के फूल
धमतरी (बिसेस रिपोर्ट)। 34 साल पहिली नगरी विकासखण्ड के दुगली गांव म एक अइसे पल आए रिहिस हे, जे पल ला उहां के सियान मन अपन सुरता के मोटरी म आज से संजोए राखे हें। देस के सबले जवनहा प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी हा अपन पत्नी श्रीमती सोनिया गांधी के संग ये गांव म पहुंचे रिहिन अउ अढ़ई घंटा के ज्यादा समय बिताए रिहिन। ये संजोग रिहिस या कुछु अउ बात कि ओमन आदिवासी संस्कृति अउ उंकर जिनगी के ढंग ला करीब ले जाने-परखे बर ग्राम पंचायत दुगली ला चुने रिहिन।
14 जुलाई 1948 के बिहनिया साढ़े 10 बजे भारतीय सेना के बिसेसे विमान ले प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी हा पत्नी श्रीमती सोनिया गांधी के संग दुगली के कौहाबाहरा म उतरिन। वो समय अविभाजित मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोतीलाल वोरा, पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह, अविभाजित रायपुर जिले के प्रभारी मंत्री अउ कसडोल विधायक डॉ. कन्हैयालाल शर्मा, सांसद संत कवि श्री पवन दीवान, तत्कालीन अविभाजित रायपुर जिला के कलेक्टर श्री रणवीर सिंह अउ सिहावा विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक श्री अशोक सोम हा घलो ये प्रवास म उंकर संगे-संग रिहिन।
विमान ले उतरे के बाद श्री राजीव गांधी हा खुला जीप म सवार होके नगरी मुख्यमार्ग म दुगली के तिगड्डा म पहुंचिन, अउ एक घर म जाके देखिन, कि कइसे एक हितग्राही परिवार हा बायोगैस प्लांट के गैस से चूल्हा बार के जेवन बनावत रिहिस हे। ओ समय गोबर गैस संयंत्र योजना सुरू होए रिहिस हे। एकर बाद श्री गांधी हा बाजार तिगड्डा पहुंचिन, जिहां गांव के श्री देवसिंह सिन्हा हा अपन साइकिल रिपेयरिंग दुकान म बइठे रिहिन अउ ओकर बाजू म श्रीमती कमलाबाई विश्वकर्मा हा अपन दुकनी मन म साग-भाजी के पसरा लगाए रिहिन। प्रधानमंत्री के एक झलक देखे बर धमतरीच क्षेत्र भर ही न हीं दूरिहा-दूरिहा के गांव मन ले लाखों के संख्या म लोगन आए रिहिन। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी सड़क के दूनों बाजू खेत मन म लगे धान के फसल ला रंउदत अपन प्रधानमंत्री के दरस पाए बर जलरंग भीड़ उमड़ पड़े रिहिस।
जीप म श्री राजीव गांधी अउ श्रीमती सोनिया गांधी के संग स्थानीय विधायक श्री सोम हा घलो सवार रिहिन। श्री राजीव गांधी हा जीप ले ही लोगन के जोहार लेवत रिहिन हें। सुरक्षा व्यवस्था के चलत देवसिंह अउ कमला बाई हा दूरिहाच ले हाथ हलाके जोहार करिन, तब श्री राजीव गांधी हा घलो मुस्कावत-मुस्कावत उंकर जोहार के जवाब दिन। देवसिंह हा तो अब ये दुनिया से बिदा हो गें, फेर 72 साल के उमर म श्रीमती कमला बाई हा ओ ऐतिहासिक दिन ला याद करथें। ओमन बताईन कि वो दिन इतवार रिहिस अउ ओ दिन ओहा अपन टुकनी मन लाल भाजी, पताल, करेला अउ धनिया मिर्चा धर के पसरा लगाए रिहिन। दुगली के ओ तिगड्डा म श्री राजीव गांधी हा करीब 10 मिनट रूके रिहिन होंही। एकर बाद ओमन कार म सवार होके सीधा सरकारी वन प्रायमरी स्कूल भवन म चले गें।
स्कूल के प्रधानपाठक श्री रतीराम नाग के संग गोठ-बात करे के बाद दूसरी अउ चौथी कक्षा के अवलोकन करिन अउ लइका मन ला एकक पॉकेट चॉकलेट बांटिन। इही बीच कक्षा दूसरी के विद्यार्थी बलिहार सिंह सोरी करा जाके ओकर नाम पूछिन, त बलिहार हा दूसरी किहिस, कक्षा पूछिन तभो दूसरी किहिस, गांव के नाम पूछिन तभो दूसरी किहिस, तीनों सवाल के एके जवाब पाके श्री राजीव गांधी हा ठहाका मार के हांस डारिन। अउ सबो लइका मन के जइसे बलिहार ला घलो एक पॉकेट चॉकलेट दिन।
14 जुलाई 1985 के पहिली ग्राम दुगली के कोनो भी मनखे ये कल्पना नई करे रिहिस होही कि देस के प्रधानमंत्री के आगमन उंकर गांव म होही। दुगली के सियान मन के ये मानना हे कि श्री राजीव गांधी हा विसेस पिछड़ी जनजाति कमार मन के संस्कृति, रहन-सहन, खानपान, वेसभूसा ल जाने-पहिचाने बर दुगली आए रिहिन हें। कुछ गांववाल मन के यहू मानना हे कि श्री राजीव गांधी हा कमार जनजाति के संगे-संग आदिवासी मन के संस्कृति, जंगल म उंकर निर्भरता अउ बिना कोई बाहरी सहयोग के जीवन यापन के तरीका ला खुद अपन आंखी ले देख के जानना-समझना चाहत रिहिन।
स्कूल ले निकल के प्रधानमंत्री के काफिला पगडण्डी रस्ता ले होवत वनग्राम जबर्रा डाहर गिस, फेर उहां से सीधे कमारपारा पहुंचिस। उहां श्री गांधी हा जीप ले उतर के अपन पत्नी सोनिया गांधी संग कमार मन के मुखिया श्री सुकालू अउ सोनाराम कमार ले मिलिन। ओ समे कमारपारा म एक बड़े कुआं तत्कालीन मध्यप्रदेस सासन द्वारा खोदवाए गे रिहिस। जउन हा उहां के कमार मन बर पीए के पानी अउ निस्तारी के साधन रिहिस। ए कुआं के अवलोकन श्री राजीव गांधी हा करिन। ये कुआं हा आज भी श्री राजीव गांधी के कमारपारा आगमन के कहानी बयान करत हे।
कमारपारा के बुजुर्ग सियान श्री मैतूराम अउ उंकर पत्नी मोतिम बाई हा बताथें कि कुआं ला देखे के बाद श्री राजीव गांधी हा सियान सुकालूराम अउ सोनाराम से कुछु पूछना चाहिन, फेर ओमन समझ नई पाईन। तभे स्थानीय विधायक श्री सोम हा उंकर संस्कृति, जिनगी के ढंग ला बताईन। इही दौरान श्री राजीव गांधी हा परसा पान के दोना म मड़िया पेज, कडू कांदा, कुल्थी बीजा के दार अउ चरोटा भाजी के सुवाद घलो चिखिन। संगे-संग मउहां फूल ला के रसा ल घलो चुहकिन।
उहां ले बीरनपारा म बने गौरा चबूतरा के तीर कुछ समय बिताईन। गांव के 65 साल के बुजुर्ग अउ तत्कालीन ग्राम पटेल श्री भुवालराम नेताम हा बताथें कि इही मेर श्री राजीव गांधी हा विशेष पिछड़ी जनजाति कमार ला संरक्षित करे के उद्देश्य ले गांव ला गोद ले के इच्छा जाहिर करे रिहिन।
श्री राजीव गांधी हा पुराना बस्ती (बीरनपारा) म माटी के घर मन म घलो जाके देखिन, कि माटी के घर कइसे होथे। खदर छानी के झोपड़ी म ओमन भोजन करिन। एकर बाद ग्राम कुल्हाड़ीघाट (वर्तमान जिला गरियाबंद) बर हेलीकॉप्टर ले रवाना होगें। तत्कालीन विधायक श्री सोम हा बताथें कि प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के दुगली प्रवास के बाद ही बिसेस पिछड़े जनजाति कमार मन के संरक्षण बर कमार विकास प्राधिकरण के गठन करे गिस।