अजब मामला : पांच बोरी म एक क्विंटल सिक्का लेके कोर्ट पहुंचिस पति, जज किहिन- खुद गिन अउ पत्नी के घर तक पहुंचा
जांजगीर-चांपा। पत्नी ला भरण पोषण दे बर एक आदमी हा शुक्रवार के कुटुंब न्यायालय म पांच ठन बोरी म 33 हजार रुपया के सिक्का लेके पहुंचिस, जेमा एक, दू, पांच अउ दस के सिक्का रिहिस। जज हा जइसे ही पइसा दे बर कहिस त वो हा सिक्का ले भरे बोरी मन ला आगू म लान दिस।
जज हा ए हरकत ला पत्नी ला प्रताड़ित करे के तरीका मान के पति ला आदेश दीन कि वो हा सबो सिक्का ला खुदे गिनय, अउ पूरा पइसा ला महिला के घर तक पहुंचावय। पइसा पहुंचाए के बाद ओकर पावती ला कोर्ट म जमा करे के घलो आदेश दीन।
कुटुंब न्यायालय के जज किरण चतुर्वेदी हा महिला के पति ला सख्त निर्देश दीन कि वो हा पहिली तो सिक्का मन ला गिनके महिला ला देवय। कोर्ट रूम म ही पुनीराम के आगू म महिला बइठगे अउ पुनीराम हा पइसा गिने लगिस। जज हा एकर बाद पइसा ला ओकर घर तक पहुंचाए के भी आदेश दीन। जज हा यहू आदेश दीन कि पइसा ला घर तक पहुंचाए के बाद पावती घलो 22 जुलाई के कोर्ट म जमा करय।
पुनीराम साहू के कहना रिहिस कि वो हा किसान आदमी ए। साग-भाजी बेचके पइसा सकेले रिहिस। पत्नी ला देच बर ही ओ हा पोरा मन म पइसा सकेले रिहिस। अउ पोरा मन ल फोर के पइसा लाने रिहिस। ओकर कहना रिहिस कि 33 हजार रुपया नोटे-नोट सकेलना ओकर बर कठिन होवत रिहिस, ए कारण ओ हा सिक्का सकेले रिहिस।
20 साल ले अलग रहत हें पति-पत्नी : पामगढ़ थाना क्षेत्र के कोसला के पुनीराम साहू के बिहाव नवागढ़ थाना क्षेत्र के यशोधरा साहू के संग होए रिहिस। दूनों के चार बेटी हें। जेमा तीन झन के बिहाव हो गे हे। पति- पत्नी दूनों के बीच विवाद होए के कारण करीब बीस साल पहिली दूनों अलग रहे लगिन।
इही बीच उंकर मामला हा परिवार परामर्श केंद्र म चलिस, उहां समझौता नई हो सकिस त कुटुंब न्यायालय जांजगीर म मामला चलिस। पुनीराम ला हर महीना 3700 रुपया भरण पोषण दिए के आदेश मिलिस। कुछु कारण ले वो हा बीते आठ महीना ले पइसा नई दे पाए रिहिस।
महिला हा पइसा ले भरे बोरी ला उठाए ले मना कर दिस: जज के आदेश के बाद पति पुनीराम हा सिक्का ले भरे बोरी मन ल लेके बाहिर निकलिस। ओहा अपन पत्नी ला एक ठन बोरी ला उठा के लेगे बर किहिस, त पत्नी हा मैं नई लेगे सकंव कहिके मना कर दिस।
जेन वैन ले पइसा लाने रिहिस, उही वैन ले पहुंचाय बर पत्नी के गांव गिस : 33 हजार 8 सौ रुपया पुनीराम ला अपन पत्नी ला दे बर रिहिस। ओहा अतेक अकन सिक्का सकेले रिहिस कि गांव ले कोर्ट तक लाने बर वैन किराया करे बर पड़े रिहिस।
सिक्का पांच बोरी म भरे रिहिस। हर बोरी के वजन करीब 20 किलो रिहिस। जेन वैन म पुनीराम हा पइसा छोड़े बर अपन पत्नी के गांव तक गिस, उही वैन म ओकर पत्नी घलो गिस। उहां पइसा गिनके दिए गिस। जब पइसा गिने गिस त तीन सौ रुपया ज्यादा होगे, जेला ओला नई दिए गिस।
लोगन ल मिलही नसीहत : महिला यशोधरा के वकील दयाराम राठौर के कहना हे कि कुटुंब न्यायालय म भरण पोषण के एवज म सिक्का लेके आए के मामला अक्सर आवत रहिथे। लेकिन वो दू-चार या छह हजारे तक होथे। अतेक अकन पइसा लेके पहिली बार कोना आईस। कुटुंब न्यायालय के जज हा पति ला जउन आदेश दीन, ओकर ले ए प्रकार सिक्का लेके अवइया मन ला नसीहत मिलही।