किसान के अंतस के हरियाये के तिहार ‘हरेली‘
भारत देश ला ‘तिहार मन के देश‘ कहे जाथे। इहाँ बारहों-महिना कुछु न कुछु तिहार होते रथे। इहाँ अतना विविधता हाबे, जतना शायद कोनो देश म होही। इहाँ के सब प्रदेश मन के खास पहिचान हाबे, जेमा छत्तीसगढ़ अपन कला – संस्कृति के नाम से अलगे पहिचान रखथे। कहे भी जाथे कि यदि कहंचो ऋषि […]
हरेली परब हरे हरियाली उत्सव… धरती दाई हर करे पुकार, बिरवा जगाके करव सिंगार
हरेली के दिन गाँव के किसान भाई मन अपन खेती के औजार उपकरण के साफ -सफाई करके, पूजा-अर्चना करथें।
खेती किसानी संग मंत्र जगाए के परब हरेली…
सूत उठ के बिहनिया लेे गाँव के किसान मन हा अपन अपन घर लेे दार-चांऊर, नून, मिर्चा, खम्हार पान मा धर के पहाटिया कना जाथें