जब आईस कन्यादान के बारी तब दुलहिन ह अईसे का कर दिस कि सकपका गे बराती अऊ घराती..
अंबिकापुर. सहर के एक समुदायिक भवन म चारों मुड़ा बिहाव के खुसी ह अईसे माते रिहस मानों बांही ल फैला के जम्मो ल गोहारत हे। जम्मो रस्म-रिवाज अई बिहाव के जम्मो तियारी ह पूरा हो गे रिहिस। फेर अईसे का हो गे ऐ खुसी ह कन्यादान के बेरा म दू परिवार मन पर दुखी म […]