घोर अंधियारी रात, घनघोर बरसा होवत राहय, नदिया उर्रा-पुर्रा अउ लइका ल धर के पार होना राहय
(जय-जोहार)। भादो के महीना, अंधियारी पाख, आठे के तिथि, घुप अंधियारी रात राहय, बादर गरजत राहय, बिजली चमकत राहय अउ घनघोर बरसा होवत राहय। रोहणी नक्षत्र म मथुरा के कारागार म वसुदेव के पत्नी देवकी के गरभ ले भगवान किसन-कन्हैया हा जनम लिन। अधर्म, अन्याय, अत्याचार के नास करे बर, धर्म अउ न्याय के स्थापना […]