सुशील जी के बिहाव श्रीमती बसंती देवी वर्मा से होइस जेकर से तीन बिटिया रत्न नेहा, वंदना, ममता के रूप मा मिलिस। तीनों बिटिया के शादी करके एक तरह से गंगा नहा डरे हे।
सुशील भोले , +919826992811 छत्तीसगढ के मूल संस्कृति इहां के मेला-मड़ई की संस्कृति आए। इहां के लोक पर्व मातर के दिन मड़र्ई जागरण के संगे-संग इहां मड़ई-मेला के शुरूआत हो जथे जेन ह महाशिव रात्रि तक चलथे। मड़ई के आयोजन जिहां छोटे गांव-कस्बा अऊ गांव म भरईया बाजार म आयोजित करे जाथे उंहें मेला के […]
आज के लइका मन बांटा म दाई-ददा ल बांट लेथें कोन काकर संग रइही अपन हिस्सा म छांट लेथें होथे जरूरत जब जादा एक-दूसर संग रहे के तब बज्जुर छाती करना परथे ए बीपत ल सहे के मया-पिरित के बंधना लइकई-झगरा म टूट जथे जाने कइसे ए उमर म आके देव-कृपा ह रूठ जथे […]