सकारात्मक पहल: जेन भवन ल गिराए के रिहिस तियारी, बगैर सरकारी मदद के बदल गे ओखर स्वरूप
रायपुर/ अम्बिकापुर। स्टेट जमाने के सरकारी उच्चतर माध्यमिक शाला सीतापुर के जर्जर भवन ल गिराए के तियारी रहीस, फेर जनपद उपाध्यक्ष शैलेश सिंह ह बगैर सरकारी मदद के स्कूल के तस्वीर ल बदल दिस। ये अईसे स्कूल हे जिहां सीसीटीवी कैमरा ले निगरानी हाथे। बेहतर साज-सज्जा के संग फव्वारा घलो लगाए गे हे। संगे-संग स्कूल के परीक्षा परिणाम म घलो सुधार आए हे।
आजादी ले पहिली सीतापुर ह शिक्षा के बड़े केंद्र रहीस। सन् 1931 ले इहां प्राथमिक पाठशाला के शुरुआत होईस। स्टेट जमाने म ही इहां शाला भवन के निर्मान कराए गे रिहिस। पहिली इहां के बाहरी स्वरूप ह भव्य रहीस। देखरेख के अभाव म अउ मरम्मत नई होय ले ये भवन ह जर्जर हो गे। एक समय ये भी अईस कि ये शाला भवन के खपरईल के टूटे-फूटे ले कुरिया मन म पानी भरे ल लग गे अउ कुरिया मन ह भोसके ल धर लिस। अव्यवस्था अउ समस्या के चलते इहां विद्यार्थी मन के संख्या ह घटे ल लगिस।
अईसन विपरीत दौर म स्कूल के पुराना गौरवशाली स्वरूप ल लौटाए के पहल सीतापुर के जनपद उपाध्यक्ष अउ शिक्षा स्थाई समिति के अध्यक्ष शैलेश सिंह ह करिन। वो अ अपन परिचित मन ले संपर्क कर शाला भवन के ऐतिहासिक स्वरूप ले अवगत करईन अउ लगभग डेढ़ साल पहिली स्कूल के वास्तविक स्थिति ले लइका मन ल होवत रिहिन परेशानी ल दूर करे बर सहयोग के उम्मीद जतईन।
वो ह खुद अपन पईसा लगाके शाला भवन ल नवा स्वरूप दे के बीड़ा उठईस। उंखर ये पुनीत काम म परिचित मन ह घलो मदद करिन। बगैर सरकारी मदद के शैलेश सिंह ह न सिर्फ भवन के कायाकल्प करिन बल्कि सुविधा अउ संसाधन म घलो वृद्धि करिस। आज उंखर ये पहल के सराहना हर कोई करत हे।