बेहतर प्रबंधन की पहली शर्त, बेहतर तालमेल
रायपुर। शासकीय संस्थाओं में पर्याप्त सेवक होते हुए भी समय पर कार्य संपन्न नहीं होने की शिकायत अक्सर सुनने में आती है, जबकि निजी संस्थानों में एक चौथाई स्टाफ होने के बावजूद समय पर काम हो जाते हैं। इसके पीछे वजह, कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच का तालमेल होता है। यानी सीधे मायने में कहा जाए तो बेहतर प्रबंधन की पहली शर्त है आपस में बेहतर तालमेल का होना।
डॉ राधाबाई शासकीय नवीन कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर में बीते सात दिनों से प्राचार्य डॉ.प्रीति मिश्रा के मार्गदर्शन में कार्यालयीन प्रबंधन पर दस दिवसीय एफ.डी.पी.प्रोग्राम जारी है। सातवें दिन कार्यालय प्रबंधन विषय पर के के बाजपेई, सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव छत्तीसगढ़ का उद्बोधन हुआ। उन्होंने कहा कि कार्यालय प्रबंधन का अर्थ है सरकारी कार्यालयों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करना। इसमें योजना बनाना,संगठित करना, निर्देशन देना,नियंत्रण करना और समन्वय करना शामिल है। यह कार्यालय के भीतर उत्पादकता,दक्षता और सहयोग को बेहतर बनाने पर केंद्रित है।लक्ष्यों को निर्धारित करना,कार्यों की पहचान करना और उन्हें पूरा करने के लिए रणनीतियों का विकास करना।
संसाधनों को व्यवस्थित करना,जैसे कि सामग्री,उपकरण और कर्मचारी, ताकि वे प्रभावी ढंग से उपयोग किए जा सकें।कर्मचारियों को उनके कार्यों को करने के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा देना। यह सुनिश्चित करना कि काम योजना के अनुसार हो रहा है और यदि आवश्यक हो तो सुधारात्मक कार्रवाई करना।विभिन्न विभागों और कर्मचारियों के बीच सहयोग और संचार सुनिश्चित करना।एक अच्छी तरह से प्रबंधित कार्यालय में,कर्मचारी अधिक कुशलता से काम कर सकते हैं,जिससे उत्पादकता में वृद्धि होती है।कार्यालय प्रबंधन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है,जिससे समय और संसाधनों की बचत होती है।एक सकारात्मक और सहयोगी कार्य वातावरण कर्मचारियों को एक साथ बेहतर ढंग से काम करने में मदद करता है।
प्रभावी प्रबंधन प्रणालियों से गलतियों और त्रुटियों की संभावना कम हो जाती है।कार्यालय प्रबंधन से प्राप्त जानकारी से प्रबंधकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।एक अच्छी तरह से प्रबंधित कार्यालय में,कर्मचारी अधिक प्रेरित और संतुष्ट महसूस करते हैं।यह सुनिश्चित करें कि सभी कर्मचारियों को कार्यालय के लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में स्पष्ट समझ हो। विषय विशेषज्ञ ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उनके जिज्ञासाओं को शांत किया। डॉ निशा बारले सहायक प्राध्यापक गणित ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया तथा महेश वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
उक्त एफडीपी प्रोग्राम में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ाधिकारी, ग्रंथपाल, कार्यालयीन अधिकारी एवं कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में अन्य संस्थाओं के प्रतिभागी उपस्थित रहे। इसी कड़ी में दिनांक 25.7.2025 शुक्रवार को सूचना का अधिकार विषय पर डॉ प्रदीप शुक्ला,प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय अभनपुर,जिला – रायपुर का उद्बोधन होगा।