खास खबर…… अपन ननिहाल 22 साल ले अपन रिहाई के बांट जोहत हे भगवान राम
खास खबर…… अपन ननिहाल 22 साल ले अपन रिहाई के बांट जोहत हे भगवान राम
रायपुर। जय श्रीराम, जेखर नाम म मोक्ष मिलत जाथे, जेखर सुमिरन दुख म हर कोनो करथे,,जेखर जप ले तप मिलथे। वो भगवान राम ल अपन रिहाई के बांट जोहत हे। सच कहत हव, जय श्रीराम कहइया मन अपन जागीर समझ के कइद कर देहे।
रामलला अपन जन्मभूमि अउ घर अयोध्या म टेंट त ननिहाल छत्तीसगढ़ म ताला म बंद हे। सोमवंशी राजा मन ह भले ही रायपुर जिला के चंदखुरी गांव ल माता कौशल्या के जन्मभूमि मानत हे। लेकिन इहां भगवान राम उपेक्षा के सिकार हो गेहे। अपन ननिहाल म भगवान राम 22 साल ले वनवास काटत हवय।
ये वजह ले मंदिर म 22 साल ले लटकत हे ताला
रायपुर ले 30 किलोमीटर दूर अपन ननिहाल चंद्रखुरी म भगवान राम पाछू के 22 बछर ले ताला म बंद हे। इहां भगवान श्री राम के सोमवंशीकालानी मंदिर हे जे विवाद मन के बीच तालाबंदी के हालात म हे।
दू परिवार के बीच म आधिपत्य के लड़ाई
दरअसल दू परिवार मन के बीच मआधिपत्य ल लेके चलत लड़ाई के कारन इहां भगवान राम के मंदिर म कई बछर ले ताला लगे हुए हे। गांव के सरपंच के घर ले लगे हिस्सा म ए प्राचीनतम मंदिर म रामनवमी समेत प्रमुख त्योहार मन अभु घलो मंदिर के बाहिर ले ही पूजा-पाठ होथे।
मां कौशल्या के माइके माने जाथे
दक्षिन कोसल के राजधानी आरंग के तीर 6 हजार के आबादी वाला गांव चंदखुरी ल अयोध्या के राजा दशरथ के सब ले बड़ रानी अउ बगवान राम के दाई कौशल्या माता जन्मस्थल माने जाथे। माता कौशल्या के माइके होय के कारन ए गांव ल भगवान राम घलो कहेथे। गांव के मध्य म सालों पुरना भगवान राम के मंदिर हे, जे ह पाछु के 22 बछर ले बंद हे। एखर वजह इहां दू परिवार मन के बीच मंदिर के मालिकाना हक ल लेके चलत विवाद हे।
ए तरह ले समझव विवाद ल
मंदिर के अंगना म बने घर म निवास करइया शर्मा परिवार के मुखिया अउ गांव के सरपंच इंदु शर्मा के मुताबिक मंदिर के निरमन सैकड़ों साल पहिली पूर्व कराय गेहे। जब सीताराम स्वामी नायडू चंदखुरी गांव के मालगुजार रहिस हे, तब उमन बछर 1952 म आयुर्वेदिक डाक्टर के रूप म इहां आइस। अउ नरसिंह प्रसाद उपाध्याय ल मंदिर के सेवा म नियुक्त करिन अउ मंदिर के लगभग 28 एकड़ जमीन के जुम्मेदारी सौंपिन। एखर कुछु बखत बाद नायडू के मृत्यु हो गिस।
हमन ले बात करत हुए इंदु शर्मा बताथे के, जब मई 1997 म उंखर ससुर अउ मंदिर के पुजारी नरसिंह प्रसाद उपाध्याय के मृत्यु होइस त अगस्त म इहां के राजनैतिक रुप ले प्रतिष्ठित बैस परिवार ह ए मंदिर अउ जमीन म दावा करिन अउ मंदिर म कथित रूप ले ताला लगा दिस। तब ले ए मंदिर बंद हे। उमन बताइन के, तब ले लेके अब तक ए मंदिर के हक बर दूनों परिवार मन के मध्य लड़ाई चलत हे।
उमन ह बताइस के, ए मंदिर के बाहिर ले गांव वाला मन हर बड़ त्योहार म पूजा पाठ करथे। सरपंच श्रीमती शर्मा के कहिना हे के, सबले अच्छा तरीका हे के ए मंदिर ल ट्रस्ट बनाके सरकार ल अपना अधिपत्य ले लेना चाही, ताकि ए मंदिर सुरक्षित अउ दर्शनीय स्थल बन सकय।
परिवार की निजी संपत्ति हे ए मंदिर : मोहन बैस
ए मंदिर ल लेके आधिपत्य के मामला म सांसद रमेश बैस के परिवार के अलग दावा हे। बैस परिवार के मुखिया महेश बैस कहिथे के , गांव म जब नायडू परिवार के मालगुजारी रहिस हे, तब बैस परिवार ह उंखर पूरा जमीन खरीद ले रहिस हे। जेखर संग ही ए मंदिर घलो बैस परिवार के हिस्सा म आ गिस।
मंदिर लगभग तीन सउ साल पुराना हे। ए मंदिर ल मालगुजार सीताराम नायडू स्वामी ह जीर्णोद्धार साल संवत् 1973 यानी सन् 1915 म कराय रहिस हे, उंखर मउत 1920 म हो चुके हे। उमन कहिन के ए तरह ले गलतफहमी फइला जात हे के उमन ह 1952 म शर्मा परिवार ल दिस हे। जे मनखे के मृत्यु साल 1920 म हो गिस हे, वो ह 1952 म कइसे जमीन सुपुर्द कर सकत हे। वे अपना सारा रिकॉर्ड घलो दिखाइस हे।
महेश के कहिना हे के मंदिर ह रख-रखाव के अभाव म जीर्ण-शीर्ण हो गे हे अउ कोनो अनहोनी ले बचे बर मंदिर ल बंद करना पड़िस। मंदिर के जमीन भगवान राम के नाम म हे। बैस कहिथथे के उंखर परिवार ह मंदिर के नवा नक्शा बना लेय हे अउ जल्द ही जीर्णोद्धार के कार्य सुरू करिस हे। जेखर ले मंदिर फेर ले खुल सकय।
हाईकोर्ट म हे मामला
पाछु कई साल मन ले मंदिर म कइद भगवान श्री राम ल लेके श्रीराम के उपासक अमन वर्मा ह छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट म कइद ले श्रीराम ल मुक्त कराय बर याचिका घलो लगाइस हे। उँखर वकील अखंड प्रताप पांडे कहथे के, जइसे कोनो लइका के तरफ ले कइद होय म कोनो भी याचिका दायर कर सकत हे। काबर के अपन तकलीफ स्वयं नइ बता सकय। इहीं तरह भगवान श्रीराम के इहां मूर्ति विराजित हे त उंखर भक्त ह याचिका दायर करे हे।
उमन कहिन के भगवान राम के मंदिर ल लेके अवैध तरीका ले बंद कर के रखे गेहे, अइसे संपत्ति विवाद ल सासन जल्द ले जल्द निराकरण करय। ए मामला म बैस परिवार के ओर ले जवाब त आ गेहे ,लेकिन शासन के पुरातत्व विभाग, संस्कृति विभाग अउ कलेक्टर के ओर ले जवाब आना बाकी हे। एखर बर 6 सप्ताह के समय देय गेहे। अभु तक के सुनवाई म ए बात आइस हे के बैस परिवार ह भले ही एला जी संपत्ति बताय हे, लेकिन दस्तावेज मन के अवलोकन ले अइसे लगत हे के ए सार्वजनिक न्यास के संपत्ति हे. निरनय त माननीय न्यायालय ल करना हे।
एक कोती श्री राम जन्मभूमि आयोध्या म मंदिर विवाद के हल निकलत नजर नइ आवत हे। उहें अब भगवान राम के मूर्ति ननिहाल चंद्रखुरी म सालों ले कइद हे। एती बीजेपी अयोध्या म राम मंदिर बनाय के वादा सालों ले करत आवत हे। उहें दूसर कोती परदेस म 15 साल ले बीजेपी सरकार हे अउ बीजेपी सांसद के जमीन म ही भगवान कइद म है।